जीका वायरस ने यूपी के तीन जिलों में पसारे पांव, कानपुर व कन्नौज के बाद लखनऊ में रोगी मिलने पर अलर्ट
यूपी में जीका वायरस का संक्रमण धीरे-धीरे बढ़ रहा है। कानपुर कन्नौज के बाद लखनऊ में दो मरीज मिलने के बाद जांच में और तेजी के निर्देश स्वास्थ्य विभाग ने दिए हैं। अब तक प्रदेश में 4468 लोगों की जांच की जा चुकी है और 108 मरीज मिल चुके हैं।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में जीका वायरस का संक्रमण धीरे-धीरे बढ़ रहा है। कानपुर और कन्नौज के बाद लखनऊ में दो मरीज मिलने के बाद जांच में और तेजी के निर्देश स्वास्थ्य विभाग ने दिए हैं। दोनों मरीज अलग-अलग इलाकों के रहने वाले हैं। अब तक प्रदेश में 4468 लोगों की जांच की जा चुकी है और 108 मरीज सामने आ चुके हैं। सबसे ज्यादा 105 मरीज कानपुर में, एक रोगी कन्नौज और लखनऊ में दो मरीज मिले हैं। फिलहाल अस्पताल में भर्ती बुखार के मरीजों की अधिक से अधिक जीका वायरस जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।
गुरुवार को लखनऊ के हुसैन गंज और एलडीए कालोनी निवासी एक पुरुष और एक महिला में जीका वायरस के संक्रमण की स्वास्थ्य विभाग ने पुष्टि की है। केजीएमयू से जांच रिपोर्ट मिलते ही स्वास्थ्य विभाग में हलचल मच गई है। दोनों क्षेत्रों में देर शाम स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर एंटी लार्वा गतिविधियां चलाईं। साथ ही आसपास के लोगों को जीका वायरस के प्रति जागरूक भी किया गया।
संक्रामक रोगों के प्रभारी और अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. केपी त्रिपाठी ने बताया कि ये दोनों लोग कृष्णा नगर के कॉमन विला में काम कर रहे थे। वहां से एहतियात के तौर पर चार लोगों के नमूने लेकर केजीएमयू भेजे गए थे। इनमें से दो लोगों में जीका संक्रमण की पुष्टि हुई है। इनमें से एक पुरुष और एक महिला हैं। दोनों मरीज सामान्य हैं। घर में उन्हें मच्छरदानी लगाकर आइसोलेट रहने का निर्देश दे दिया गया है। दोनों संक्रमितों के संपर्क में आए अन्य सभी लोगों के नमूने लिए जा रहे हैं।
संक्रमितों के संपर्क क्षेत्र में पहले 400 मीटर तक की परिधि में नमूने लिए जाएंगे। इनमें से किसी में संक्रमण की पुष्टि होने पर फिर एक किलोमीटर तक के क्षेत्र में और उनमें से किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो तीन किलोमीटर तक की परिधि में नमूने लिए जाएंगे। दोनों संक्रमितों के क्षेत्र में एंटी लार्वा समेत अन्य जरूरी गतिविधियां कर दी गई हैं। इनमें से कोई भी गंभीर नहीं है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज अग्रवाल ने बताया कि दो लोगों में पुष्टि के बाद शुक्रवार से अधिक संख्या में नमूने जांचने का निर्देश दे दिया गया है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डा. वेदब्रत सिंह ने बताया कि जीका वायरस से बचाव के लिए सभी जरूरी उपाए किए जा रहे हैं। केजीएमयू व पीजीआइ के बाद कानपुर मेडिकल कालेज में भी जीका वायरस की जांच शुरू कर दी गई है। जरूरत के अनुसार आगे और मेडिकल कालेज में जांच की सुविधा शुरू करने की तैयारी की जा रही है। जिस क्षेत्र में इसका मरीज मिल रहा है, उसके तीन किलोमीटर के दायरे की मैपिंग कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। कानपुर में सबसे पहले एयरफोर्स कर्मी के संक्रमित पाए जाने के बाद प्रदेश में सभी 13 छावनी परिषद क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की जांच कराई जा रही है। सर्विलांस को और बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
जीका वायरस उसी मच्छर की प्रजाति से फैलता है जिससे डेंगू फैलता है यानी एडीस मच्छर। जीका वायरस सलाइवा और सीमेन जैसे शरीर के तरल पदार्थ के आदान-प्रदान से संक्रामक हो सकता है। यह मनुष्यों के खून में भी पाया जा सकता है। जीका वायरस के लक्षण डेंगू के समान ही हैं। किसी व्यक्ति को संक्रमित मच्छर से काटे जाने के बाद थोड़ा जीका बुखार और चकत्ते दिखाई दिए जा सकते है। कंजक्टिवेटाइटिस, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, और थकावट कुछ अन्य लक्षण भी महसूस किए जा सकते हैं।