कैंसर की अनसुलझी गुत्थी सुलझाने वाले युवा वैज्ञानिकों को सीडीआरआइ पुरस्कार

युवा वैज्ञानिकों की औषधि अनुसंधान एवं विकास क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देने के लिए वर्ष 2004 में सीएसआईआर-केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान ने सीडीआरआई अवार्ड की शुरुआत की थी। पुरस्‍कार 45 वर्ष से कम आयु के भारतीय वैज्ञानिकों को दिया जाता है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 29 Sep 2020 06:44 PM (IST) Updated:Wed, 30 Sep 2020 06:04 AM (IST)
कैंसर की अनसुलझी गुत्थी सुलझाने वाले युवा वैज्ञानिकों को सीडीआरआइ पुरस्कार
सीडीआरआई पुरस्कार से नवाजे गए डॉ. बुशरा, डॉ. रवि और डॉ. सुराजित।

लखनऊ, जेएनएन। तीन युवा वैज्ञानिकों को कैंसर की अनसुलझी गुत्थी सुलझाने के लिए किए गए उत्कृष्ट अनुसंधान हेतु इस वर्ष का प्रतिष्ठित सीडीआरआई पुरस्कार दिया गया है। इनमें से एक वैज्ञानिक डॉ.बुशरा अतीक को इस वर्ष प्रसिद्ध शांति स्वरूप भटनागर अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। युवा वैज्ञानिकों की औषधि अनुसंधान एवं विकास क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देने के लिए वर्ष 2004 में सीएसआईआर-केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान ने सीडीआरआई अवार्ड की शुरुआत की थी।

यह पुरस्कार 45 वर्ष से कम आयु के भारतीय वैज्ञानिकों को दिए जाते हैं। पुरस्कार में 20000 रुपये नकद पुरस्कार और एक प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है। अब तक कुल 34 वैज्ञानिकों को इस पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। इन 34 सीडीआरआई पुरस्कार विजेताओं में से डॉ शांतनु चौधरी, डॉ सतीश सी राघवन, डॉ बालासुब्रमण्यम गोपाल, डॉ सुवेंद्र नाथ भट्टाचार्य, डॉ डी श्रीनिवास रेड्डी, डॉ सौविक मैती, डॉ गोविंदसामी मुगेश, डॉ गंगाधर जे संजयन, प्रोफेसर संदीप वर्मा, प्रोफेसर शांतनु भट्टाचार्य, प्रोफेसर उदय मैत्रा को प्रतिष्ठित शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार भी मिला, जिसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारतीय नोबल पुरस्कार के समान माना जाता है।

इस वर्ष के विजेताओं में से डॉ बुशरा अतीक को भी मेडिकल साइंसेज का इस वर्ष का शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार हाल ही में मिला है। सीबीआई के निदेशक प्रोफेसर तपस के कुंडू ने सभी विजेताओं को बधाई दी इस कार्यक्रम में सीडीआरआई के पूर्व निदेशक डॉ बी पी कंबोज भी ऑनलाइन शामिल हुए कार्यक्रम का प्रसारण यूट्यूब चैनल के माध्यम से किया गया।

प्रोस्टेट कैंसर पर शोध के लिए मिला सम्मान

प्रोस्टेट कैंसर के चिकित्सीय समाधान को नई दिशा देने के लिए डॉ.बुशरा अतीक की खोज ने उन्हें सीडीआरआई अवार्ड-2020 दिलवाया। डॉ.बुशरा वर्तमान में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के बायोलॉजिकल साइंसेज एवं बायोइंजीनियरिंग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर और वेलकम ट्रस्ट / डीबीटी इंडिया एलायंस की वरिष्ठ फेलो के रूप में कार्यरत हैं।

सीपीपी कि कैंसर रोधी औषधि के रूप में भूमिका का पता लगाया

सेल पेनेट्रेटिंग पेप्टाइड (सीपीपी) की कैंसर-रोधी औषधि के रूप में भूमिका की खोज के लिए डॉ.सुराजित घोष को सीडीआरआई पुरस्कार-2020 दिया गया है। डॉ.घोष वर्तमान में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर में बायोसाइंस और बायोइंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं।

कैंसर सहित अन्य रोगों के कारक को बताया

डॉ.रवि मंजीठया को रासायनिक विज्ञान क्षेत्र में शोध के लिए सीडीआरआई पुरस्कार 2020 दिया गया है। वर्तमान में जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च, बेंगलुरु में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। 

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