किसानों को उपज का सही दाम दिलाने के लिए योगी सरकार करने जा रही बड़ी पहल, जानिए क्या है पूरी योजना
उत्तर प्रदेश में करीब 1600 से अधिक एग्रीकल्चर मार्केटिंग हब (एएमएच) को नए सिरे से संचालित करने की तैयारी है। इससे मंडियों का भी विस्तार होगा क्योंकि इन स्थलों को उप मंडी स्थल घोषित करने का प्रस्ताव शासन में विचाराधीन है।
लखनऊ [धर्मेश अवस्थी]। किसानों को उनकी फसल का सही दाम दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार जल्द बड़ी पहल करने जा रही है। प्रदेशभर में करीब 1600 से अधिक एग्रीकल्चर मार्केटिंग हब (एएमएच) को नए सिरे से संचालित करने की तैयारी है। इससे मंडियों का भी विस्तार होगा, क्योंकि इन स्थलों को उप मंडी स्थल घोषित करने का प्रस्ताव शासन में विचाराधीन है।
बसपा और सपा शासनकाल में गांव-गांव एग्रीकल्चर मार्केटिंग हब बनाने की योजना शुरू हुई थी, ताकि हर 100 किलोमीटर पर किसान अपनी उपज आसानी से बेच सकें। प्रति केंद्र पर करीब सात लाख रुपये खर्च करके चरणवार इन्हें तैयार कराया गया। राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के अनुसार करीब 1600 से अधिक एएमएच केंद्र तैयार हैं। अभी तक उनका उपयोग सही से नहीं हो पा रहा, कहीं ग्रामीण मवेशी बांध रहे हैं तो कुछ जगहों पर अनाज व चारा-भूसा आदि रखा है। कई जिलों में दुकानें तक आवंटित की गईं लेकिन, वे गुलजार नहीं हो सकी। देश में नए कृषि कानून लागू होने के बाद से मंडियों की संख्या और आय तेजी से घटी है। ऐसे में मंडी परिषद अब नए मंडी स्थल घोषित करने जा रहा है।
मंडी परिषद ने शासन को प्रस्ताव भेजा है कि एएमएच को उप मंडी स्थल का दर्जा दिया जाए। साथ ही उन स्थलों पर किसानों को उपज व गांवों की अन्य जरूरी सामग्री बेचने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाए, इससे योजना का मकसद पूरा होगा, साथ ही सरकार की आय भी बढ़ेगी। ज्ञात हो कि उप मंडी स्थलों पर बिक्री करने वालों से मंडी शुल्क भी लिया जाएगा। इससे वहां पर तेजी से सुविधाएं भी बढ़ाई जा सकेंगी। अभी तक विभाग व किसान के साथ ही ग्रामीण इस सुविधा से दूर हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन स्थलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस कराने के लिए निर्देश भी दे चुके हैं।
251 मंडियों में 220 के बने परिसर, 100 हाईटेक : उत्तर प्रदेश में इस समय 251 मंडियां संचालित हैं, उनमें से 220 के पास अपना परिसर हैं। इन परिसरों में सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। इसी तरह से करीब 100 मंडी स्थलों को हाईटेक किया गया है। वहां खरीदने-बेचने के साथ कई कार्य आनलाइन हो रहे हैं। अन्य मंडियों को अत्याधुनिक बनाने के लिए प्रयास चल रहा है।