कोरोना महामारी से पीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद देगी योगी आदित्यनाथ सरकार, जानें- क्या है योजना

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना के कारण असमय काल-कवलित हुए लोगों के परिवारों के हित संरक्षण के लिए केंद्र और राज्य सरकार संवेदनशीलता के साथ अनेक प्रयास कर रही है। इसी क्रम में पीड़ित परिवारों को अब राहत स्वरूप 50 हजार रुपये की राशि भी प्रदान की जाएगी।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 06:42 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 10:36 PM (IST)
कोरोना महामारी से पीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद देगी योगी आदित्यनाथ सरकार, जानें- क्या है योजना
कोरोना महामारी के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को सरकार बड़ी राहत देने जा रही है।

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना महामारी के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को सरकार बड़ी राहत देने जा रही है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रत्येक पीड़ित परिवारों को 50 हजार रुपये की मदद देगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना के कारण असमय काल-कवलित हुए लोगों के परिवारों के हित संरक्षण के लिए केंद्र और राज्य सरकार संवेदनशीलता के साथ अनेक प्रयास कर रही है। इसी क्रम में पीड़ित परिवारों को अब राहत स्वरूप 50 हजार रुपये की राशि भी प्रदान की जाएगी।

कोरोना संक्रमण ने प्रदेश में भी विकराल स्थिति पैदा कर दी थी। पहली लहर से अधिक घातक दूसरी लहर रही, जिसमें हजारों लोगों की संक्रमण से मृत्यु भी हो गई। सीएम योगी आदित्यनाथ ने संक्रमण से काल कवलित हुए लोगों के स्वजन को सहयोग स्वरूप पचास हजार रुपये देने का निर्णय लिया है। रविवार को अपने सरकारी आवास पर उच्च अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने निर्देश दिया कि कोई भी पात्र परिवार इस राहत राशि से वंचित न रहे। इस संबंध में विस्तृत गाइडलाइन जल्द जारी कर दी जाए।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने ने कहा है कि राहत राशि के वितरण के लिए सभी जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति गठित कर दी जाए। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप राहत राशि देने के लिए सभी तैयारियां कर ली जाएं। रविवार को जारी कोरोना रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक प्रदेश में 22898 कोरोना संक्रमितों की मृत्यु हो चुकी है। उल्लेखनीय है कि कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के आश्रितों को 50 हजार रुपये मुआवजा देने के बारे में केंद्र सरकार ने बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र दाखिल किया था। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि मुआवजे की रकम राज्य आपदा मोचक निधि से दी जाएगी।

योगी सरकार इस फैसले को लेकर गाइडलाइन जारी करने जा रही है। वैसे सूत्रों ने बताया कि इसमें तीस दिन की समय सीमा को पात्रता का आधार बनाया जा सकता है। यदि कोरोना पाजिटिव रिपोर्ट आने के बाद तीस दिन में किसी व्यक्ति की मृत्यु हुई हो तो उसे सहायता राशि का पात्र माना जा सकता है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब तक 62.65 फीसद से लोगों ने वैश्विक महामारी कोविड-19 से बचाव के लिये टीके की कम से कम एक डोज लगवा ली है। एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के साथ-साथ तेज टीकाकरण की रणनीति कोविड से बचाव में अत्यंत कारगर रही है। रविवार को 42 जिलों में एक भी एक्टिव केस नहीं है, जबकि 16 जिलों में एक-एक एक्टिव केस शेष हैं। पिछले 24 घंटे में हुई एक लाख 41 हजार 543 सैम्पल की टेस्टिंग में आठ जिलों में कुल 10 नए संक्रमित मरीज मिले हैं, जबकि 19 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए।

वर्तमान में उत्तर प्रदेश में एक्टिव कोविड केस की संख्या 119 रह गई है, जबकि 16 लाख 87 हजार 11 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं। प्रदेश में अब तक 11 करोड़ 81 लाख 91 हजार से अधिक कोविड वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं। नौ करोड़ 23 लाख लोगों को पहली डोज मिल चुकी है, जबकि दो करोड़ 58 लाख से अधिक लोगों ने टीके की दोनों डोज प्राप्त कर ली है। इस प्रकार, 17.52 फीसद से अधिक लोग पूरी तरह टीकाकवर प्राप्त कर चुके हैं।

कानपुर नगर, लखीमपुर-खीरी, जौनपुर, बलिया, देवरिया, बाराबंकी, अयोध्या, सोनभद्र, अमरोहा, चन्दौली, प्रतापगढ़, कुशीनगर, उन्नाव, बदायूं, सुल्तानपुर, बिजनौर, इटावा, हरदोई, शामली, ललितपुर, हापुड़, सीतापुर, गोंडा, रामपुर, बस्ती, बहराइच, मीरजापुर, फर्रुखाबाद, मैनपुरी, एटा, बागपत, मऊ, संतकबीरनगर, चित्रकूट, फतेहपुर, कानपुर देहात, हमीरपुर, कौशाम्बी, श्रावस्ती, महोबा, कासगंज और हाथरस में कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जनपद आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं।

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