UP: यूरिया की कालाबाजारी रोकने को योगी सरकार का सख्त कदम, टॉप-20 खरीदारों की हर माह होगी जांच

उत्तर प्रदेश के जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि यूरिया उर्वरक के टॉप-20 खरीदारों की नियमित रूप से जांच व सत्यापन करते हुए डैशबोर्ड पर सूचनाएं अपलोड की जाएं। अगस्त व सितंबर में यूरिया के टॉप-20 खरीदारों की सूची पोर्टल से प्राप्त करने को कहा गया है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 09:01 AM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 09:01 AM (IST)
UP: यूरिया की कालाबाजारी रोकने को योगी सरकार का सख्त कदम, टॉप-20 खरीदारों की हर माह होगी जांच
सभी जिलों में यूरिया-उर्वरक के टॉप-20 खरीदारों की जांच और सत्यापन कराने के निर्देश दिए गए हैं।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में यूरिया-उर्वरक की जमाखोरी और कालाबाजारी रोकने के लिए योगी सरकार ने सख्त कदम उठाया है। सभी जिलों में टॉप-20 खरीदारों की जांच और सत्यापन कराने के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट शासन को भेजने के साथ ही भारत सरकार के डैशबोर्ड पर भी कार्रवाई की जानकारी अपलोड करनी होगी।

कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ.देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि यूरिया उर्वरक के टॉप-20 खरीदारों की नियमित रूप से जांच व सत्यापन करते हुए डैशबोर्ड पर सूचनाएं अपलोड की जाएं। बीते अगस्त व सितंबर में यूरिया के टॉप-20 खरीदारों की सूची पोर्टल से प्राप्त करने को कहा गया है। साथ ही पहले की तरह टीम गठित कर 27 अक्टूबर तक जांच व सत्यापन कराते हुए सूचनाएं डैशबोर्ड पर अपलोड कराने के भी निर्देश दिए गए हैं। इसी तरह इस महीने की सूची पोर्टल से एक नवंबर को निकालकर महीने की 10 तारीख तक जांच व सत्यापन कराकर दोषियों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई कराते हुए सूचना भारत सरकार के डैशबोर्ड पर अपलोड करनी होगी।

पीओएस मशीन से बिक्री न करने वालों पर होगी कार्रवाई : एमएफएमएस पोर्टल पर उर्वरकों का रियल टाइम एक्नॉलेजमेंट कराते हुए किसानों को शत प्रतिशत वितरण पीओएस मशीन से कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। कृषि विभाग ने एमएफएमएस पोर्टल पर उर्वरकों की बिक्री के लिए समयबद्ध एक्नॉलेजमेंट की व्यवस्था की है। कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ.देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि उर्वरक निर्माताओं से थोक विक्रेता और थोक विक्रेता से फुटकर विक्रेता तक उर्वरक के एक्नॉलेजमेंट की व्यवस्था रियल टाइम में करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे किसानों को उर्वरक वितरण के साथ ही डीबीटी प्रणाली के अंतर्गत वास्तविक विक्रेता का नाम दर्ज हो सके।

पीओएस मशीन से ही उर्वरक की बिक्री : कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ.देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि भौतिक रूप से जैसे ही उर्वरक का मूवमेंट होता है, वैसे ही ऑनलाइन प्रणाली को भी अपडेट करें। इसमें देर करने वाले फुटकर और थोक उर्वरक विक्रेताओं के विरुद्ध नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाए। सभी मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों को जारी निर्देशों में कहा गया है कि निजी क्षेत्र, सहकारिता क्षेत्र और अन्य बिक्री केंद्रों के द्वारा अनिवार्य रूप से शत-प्रतिशत पीओएस मशीन से ही उर्वरक की बिक्री निर्धारित दरों पर कराई जाए। पीओएस मशीन से बिक्री पर निकलने वाली पर्ची नहीं देने वाले विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

दो वर्षों से नहीं हुआ चार हजार पीओएस मशीनों का उपयोग : डॉ.चतुर्वेदी ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में 4087 पीओएस मशीनें पिछले दो वर्षों से उर्वरक विक्रेताओं द्वारा प्रयोग में नहीं लाई गई हैं। ऐसे निष्क्रिय उर्वरक विक्रेताओं की आइडी एमएफएमएस पोर्टल से डिलीट कराते हुए पीओएस मशीन जमा कराने को कहा गया है।

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