Cabinet Approval : योगी सरकार का बड़ा फैसला, पोषाहार के लिए नहीं होंगे टेंडर, महिलाएं बनाएंगी व बाटेंगी

उत्तर प्रदेश सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित होने वाले पोषाहार में बड़ा फैसला लिया है। अब सभी 75 जिलों में पोषाहार का उत्पादन व वितरण स्वयं सहायता समूह की महिलाएं करेंगी। रोजगार को बढ़ावा देने के लिए इसका टेंडर न करने का फैसला किया है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Tue, 29 Sep 2020 09:58 PM (IST) Updated:Wed, 30 Sep 2020 06:05 AM (IST)
Cabinet Approval : योगी सरकार का बड़ा फैसला, पोषाहार के लिए नहीं होंगे टेंडर, महिलाएं बनाएंगी व बाटेंगी
उत्तर प्रदेश सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित होने वाले पोषाहार में बड़ा फैसला लिया है।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित होने वाले पोषाहार में बड़ा फैसला लिया है। अब सभी 75 जिलों में पोषाहार का उत्पादन और वितरण स्वयं सहायता समूह की महिलाएं करेंगी। स्थानीय स्तर पर रोजगार को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने पोषाहार उत्पादन व वितरण के लिए टेंडर न करने का फैसला किया है। आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए हर साल पोषाहार की करीब चार हजार करोड़ रुपये की खरीद होती है। अब यह काम उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से स्वयं समहायता समूहों की महिलाओं को दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर मुहर लग गई। प्रदेश सरकार ने पहले केवल 18 जिलों में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को पुष्टाहार उत्पादन व वितरण का काम दिया था। बाकी जिलों के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए थे। टेेंडर में बहुत कम कंपनियों ने हिस्सा लिया। इस कारण पोषाहार की दरें काफी अधिक आईं। सरकार ने पोषाहार की दरों को देखते हुए अब यह काम सभी जिलों में प्रदेश की स्थानीय स्तर की महिलाओं के समूहों को सौंप दिया है। आजीविका मिशन की 23 हजार महिला स्वयं सहायता समूह प्रदेश भर के आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषाहार का उत्पादन कर वितरण करेंगे। 

सरकार के इस फैसले से उन बड़े कारोबारियों को धक्का लगा है जो हजारों करोड़ रुपये के पोषाहार उत्पादन व वितरण में वर्षों से लगे थे। आए दिन पोषाहार वितरण में घपले व घोटाले की भी शिकायतें मिलती रहती थीं।सरकार के नए फैसले से स्थानीय स्तर पर महिलाएं उद्यमी बनेंगी और उन्हें स्थायी रोजगार मिल सकेगा।

दो साल बंटेगा कच्चा राशन : उत्तर प्रदेश के सभी जिलों की आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषाहार उत्पादन व वितरण के काम में महिला स्वयं सहायता समूहों को दो साल लग जाएंगे। ऐसे में शुरुआती दो साल आंगनबाड़ी केंद्रों की महिलाओं को कच्चा राशन गेहूं, दाल, चावल, घी व मिल्क पाउडर दिया जाएगा। गेहूं व चावल सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से लिया जाएगगा जबकि दाल की खरीद स्वयं सहायता समूह स्थानीय स्तर पर खुद करेंगी। देसी घी व मिल्क पाउडर की सप्लाई प्रादेशिक कोआपरेटिव डेयरी फेडरेशन (पीसीडीएफ) करेगा। इसके लिए इन दोनों से बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग का समझौता हो गया है। स्वयं सहायता समूह की महिलाएं प्रत्येक लाभार्थी को देने के लिए राशन, घी व दूध पाउडर का वजन करके अलग-अलग पैकिंग करेंगी। राशन का वितरण महीने में एक या दो दिन पारदर्शी तरीके से जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में होगा। दो साल में चरणबद्ध तरीके से पूरे प्रदेश में महिला स्वयं सहायता समूह पोषाहार का उत्पादन कर वितरण करेगा।

रेसिपी बुक का भी होगा वितरण : उत्तर प्रदेश सरकार कच्चा राशन के साथ ही रेसिपी बुक भी वितरित करेगी। इसमें पोषक व्यंजन बनाने की विधियां दी जाएंगी। महिलाएं अपने घरों में साफ-सुथरे तरीके से पोषाहार कैसे तैयार करें इसका प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

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