कोरोना से निधन के बाद सभी पार्थिव शरीर की नि:शुल्क अंत्येष्टि कराएगी योगी आदित्यनाथ सरकार

Free Cremation Facilities in UP After Deaths due to corona virus कोविड-19 के संक्रमण के कारण किसी की भी मृत्यु की दशा में नगरीय निकाय की सीमा के अंतर्गत सभी पार्थिव शरीर की निशुल्क अंतिम संस्कार कराने की व्यवस्था करें। प्रक्रिया में कोविड प्रोटोकॉल का भी पालन करना अनिवार्य है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 10:18 AM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 12:32 PM (IST)
कोरोना से निधन के बाद सभी पार्थिव शरीर की नि:शुल्क अंत्येष्टि कराएगी योगी आदित्यनाथ सरकार
संवेदनहीनता की सूचनाओं का संज्ञान लेने के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा फैसला लिया

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण प्रभावित परिवारों के साथ बड़ी संख्या में संवेदनहीनता की सूचनाओं का संज्ञान लेने के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार कोरोना वायरस संक्रमण से मौत के बाद अब सभी पार्थिव शरीर की अत्येष्टि नि:शुल्क कराएगी। इसका शासनादेश भी जारी कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश में कोविड से मृत्यु की दशा में निःशुल्क अंतिम संस्कार होगा,यह आदेश नगर निगम सीमा में लागू होगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक के दौरान कई जिलों में कोरोना वायरस से संक्रमण के कारण किसी की भी मृत्यु के बाद उसके पार्थिव शरीर की अत्येष्टि से लिए बड़ी रकम वसूले जाने के प्रकरण पर टीम-9 का ध्यान आकृष्ट कराते हुए इस संवेदनहीनता पर रोक लगाने का निर्देश दिया था। इसी क्रम में अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सभी नगर निगम तथा नगर निकाय को उनका मूल कर्त्तव्य याद दिलाया है। सरकार के इस आदेश  के बाद अब नगर निगम की सीमा में आनेवाले सभी शवदाह गृहों, क़ब्रिस्तान और श्मशानों में अंतिम संस्कार का खर्च नगर निगम उठाएगा। 

उन्होंने सभी नगर निगम व नगर निकाय को पत्र जारी करके निर्देश दिया है कि कोविड-19 के संक्रमण के कारण किसी की भी मृत्यु की दशा में नगरीय निकाय की सीमा के अंतर्गत सभी पार्थिव शरीर की नि:शुल्क अंतिम संस्कार कराने की व्यवस्था करें। इसके साथ ही इस प्रक्रिया में कोविड प्रोटोकॉल का भी पालन करना अनिवार्य है।

इस प्रक्रिया में होने वाला व्यय नगरीय निकाय अपने स्रोतों से या फिर राज्य वित्त आयोग से उपलब्ध कराई गई धनराशि से होगा। एक पार्थिव शरीर की अंत्येष्टि में अधिक से अधिक पांच हजार रुपया की धनराशि ही व्यय की जाएगी। 

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