UP के व्यापारियों को GST बकाया पर ब्याज माफी दो जून तक, बड़े बकाया पर ब्याज पर बड़ी छूट

Yogi Adityanath Government 10 लाख रुपये तक की मूल बकाया धनराशि जमा करने पर ब्याज की 100 प्रतिशत राशि माफ की जाएगी। दस लाख रुपये से अधिक और एक करोड़ रुपये तक के मूल बकाये के साथ ब्याज की दस प्रतिशत रकम जमा पर 90 फीसद धनराशि माफ की जाएगी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Tue, 16 Mar 2021 03:30 PM (IST) Updated:Tue, 16 Mar 2021 08:01 PM (IST)
UP के व्यापारियों को GST बकाया पर ब्याज माफी दो जून तक, बड़े बकाया पर ब्याज पर बड़ी छूट
वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना -सरकार ने ब्याज माफी योजना 2021 लागू की है।

लखनऊ, जेएनएन। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने व्यापारियों को बड़ी राहत देने की योजना को बढ़ा दिया है। व्यापारियों को जीएसटी से पहले के बकाये पर ब्याज माफी की सुविधा देने के लिए सरकार ने ब्याज माफी योजना 2021 लागू की है। बीती तीन मार्च से शुरू की गई यह योजना तीन माह की अवधि तक यानी दो जून तक के लिए लागू की गई है। यह योजना 31 दिसंबर 2020 तक की मांग के लिए लागू की गई है। योजना का लाभ पाने के लिए व्यापारियों को विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मंगलवार को बताया कि योजना के तहत 10 लाख रुपये तक की मूल बकाया धनराशि जमा करने पर ब्याज की 100 प्रतिशत धनराशि माफ की जाएगी। 10 लाख रुपये से अधिक और एक करोड़ रुपये तक के मूल बकाये के साथ ब्याज की 10 प्रतिशत रकम जमा करने पर ब्याज की 90 फीसद धनराशि माफ की जाएगी। एक करोड़ रुपये से अधिक और पांच करोड़ रुपये तक के मूल बकाये के साथ ब्याज की 50 प्रतिशत धनराशि जमा करने पर ब्याज की 50 फीसद रकम माफ होगी। पांच करोड़ रुपये से अधिक मूल बकाये के साथ ब्याज की 90 फीसद रकम जमा करने पर ब्याज की 10 प्रतिशत धनराशि माफ की जाएगी।

मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि योजना के तहत सभी श्रेणी के व्यापारियों को अर्थदंड में पूरी माफी दी गई है। ब्याज माफी योजना के तहत विभिन्न न्यायालयों में लंबित मामले भी शामिल किये गए हैं। समाधान योजनाओं से संबंधित बकायों पर भी यह योजना लागू है। जिन व्यापारियों के पास कंप्यूटर की सुविधा नहीं है, उनकी सहूलियत के लिए प्रत्येक लोकेशन पर हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है। अपर मुख्य सचिव राज्य कर संजीव मित्तल ने कहा कि इस योजना के जरिये सरकार को 200 करोड़ रुपये से 250 करोड़ रुपये राजस्व मिलने की संभावना है।

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