कुंभ मेला क्षेत्र होगा ओडीएफ, बनेंगे सवा लाख शौचालय
गंगा की स्वच्छता के लिए सरकार ने प्रयाग कुंभ मेला-2019 को खुले में शौच (ओडीएफ) से मुक्त करने का फैसला किया है।एक लाख 22 हजार 500 शौचालय बनाए जाएंगे।
लखनऊ (जेएनएन)। गंगा की स्वच्छता के लिए सरकार ने प्रयाग कुंभ मेला-2019 को खुले में शौच (ओडीएफ) से मुक्त करने का फैसला किया है। इसके लिए मेला क्षेत्र में एक लाख 22 हजार 500 शौचालय बनाए जाएंगे। राज्य सरकार ने इस पर आने वाले खर्च के अपने हिस्से के 161.25 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी दे दी है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि प्रयाग राज मेला प्राधिकरण द्वारा 15 जनवरी से चार मार्च 2019 तक आयोजित होने वाले कुंभ मेला के लिए दिव्य कुंभ-भव्य कुंभ के दृष्टिगत स्वच्छता से संबंधित वृहद कार्ययोजना के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रियों के आगमन की संभावना को देखते हुए संपूर्ण मेला क्षेत्र को खुले में शौच से मुक्त एवं कूड़े के प्रबंधन के साथ तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर व्यवस्था की जाएगी। मेला क्षेत्र में नमामि गंगे योजना के तहत केंद्र सरकार के आकलन के अनुसार सेप्टिक टैंक युक्त शौचालयों के लिए एनएमसीजी द्वारा 47500 एवं राज्य सरकार द्वारा 75000 का निर्माण किया जाना है। मेले की स्वच्छता के लिए कार्ययोजना की कुल लागत 292 करोड़ 85 लाख निर्धारित है। इसमें नमामि गंगे योजना के तहत राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) द्वारा स्वीकृत धनराशि 131.60 करोड़ रुपये को घटाते हुए राज्य सरकार ने 161.25 करोड़ रुपये की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति जारी करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। कार्ययोजना को समय से पूरा करने के लिए शौचालयों के किराये पर लिए जाने के लिए मंडलायुक्त, इलाहाबाद की अध्यक्षता में निविदा समिति का गठन किया गया है। कार्ययोजना में किसी भी प्रकार के परिवर्तन या संशोधन के लिए कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है। पिछली बार कुंभ में शौचालय के लिए 40 करोड़ के प्रस्ताव के सापेक्ष इस बार सरकार ने 292 करोड़ की योजना को मंजूरी दी है। प्रवक्ता ने बताया कि गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए फाइबर के कम्युनिटी टायलेट बनेंगे। प्रतिदिन इसकी सफाई और डिस्पोजल होगा।
हेलीपैड और अतिथि गृह अब राज्य संपत्ति विभाग के हवाले
रमाबाई अंबेडकर मैदान, लखनऊ स्थित हेलीपैड और अतिथि गृह को नागरिक उड्डयन विभाग से लेकर फिर राज्य संपत्ति विभाग को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया गया है। इस फैसले पर मंगलवार को कैबिनेट ने मुहर लगा दी। पहले भी यह राज्य संपत्ति विभाग के नियंत्रण एवं प्रबंधन में था लेकिन, इसे नागरिक उड्डयन विभाग को दे दिया गया था। पिछली सरकार के एक और फैसले को कैबिनेट ने पलट दिया है।