World Tourism Day 2020: सुस्त पर्यटन को मिली अयोध्या से ऑक्सीजन, प्रतिदिन पहुंच रहे 10 से 12 हजार पर्यटक

World Tourism Day 2020 रामनगरी में प्रतिदिन 10 से 12 हजार पर्यटक पहुंच रहे हैं। इनमें से 50 प्रतिशत पर्यटक लखनऊ से होकर अयोध्या जा रहे हैं। कोरोना काल में पर्यटन के जरिए आएगी सकारात्मक। महामारी के निराशापूर्ण समय में यह किसी संजीवनी से कम साबित नहीं हो रहा।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 01:00 PM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 01:00 PM (IST)
World Tourism Day 2020: सुस्त पर्यटन को मिली अयोध्या से ऑक्सीजन, प्रतिदिन पहुंच रहे 10 से 12 हजार पर्यटक
लखनऊ : 50 प्रतिशत पर्यटक लखनऊ से होकर अयोध्या जा रहे हैं।

लखनऊ [रूमा सिन्हा]। World Tourism Day 2020: कोरोना महामारी के चलते सबसे ज्यादा पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचा है। पर्यटन उद्योग अर्थव्यवस्था की मजबूत कड़ी है। ऐसे में बुरी तरह लड़खड़ा चुकी अर्थव्यवस्था को  पर्यटन से ही बड़ी उम्मीद है। उत्तर प्रदेश में सुषुप्तावस्था में चल रहे पर्यटन को अयोध्या ऑक्सीजन दे रही है। रामनगरी में प्रतिदिन 10 से 12 हजार पर्यटक पहुंच रहे हैं। इनमें से 50 प्रतिशत पर्यटक लखनऊ से होकर अयोध्या जा रहे हैं। पर्यटन विभाग के हौसले इसीलिए बुलंद हैं और महामारी के निराशापूर्ण समय में यह किसी संजीवनी से कम साबित नहीं हो रहा।

प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम कहते हैं कि पर्यटन हमें मानसिक रूप से स्वस्थ रखता है जिससे सकारात्मकता का माहौल विकसित होता है। ऐसे में हम कोरोना महामारी से बेहतर तरीके से मुकाबला कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि अयोध्या आस्था की नगरी है। यहां मौजूद मंदिर विशेष आकर्षण हैं। इसके साथ ही ब्रजभूमि, प्रयागराज, काशी, कुशीनगर,सारनाथ, कौशांबी आदि भी पर्यटकों की विशेष पसंद हैं। इन सभी जगह पर्यटकों के लिए भीतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि इस बार का थीम 'पर्यटन एवं ग्रामीण विकास' है। दरअसल प्रचलित पर्यटक स्थलों व भीड़भाड़ वाले स्थानों की ओर तो रूझान रहता है लेकिन कम भीड़भाड़ वाली जगहों से पर्यटकों को जोड़ना बड़ी चुनौती है।

अच्छी बात यह है कि केवल स्मारकों में फोटो खिंचवाना, तड़क-भड़क वाले स्थानों पर समय गुजारना ही अब पर्यटक को की पहली पसंद नहीं रह गया है। वह प्रकृति को जानना चाहते हैं, लोक कलाओं ,संस्कृति, खान-पान, वेशभूषा इन सबका अनुभव लेना चाहते हैं। पर्यटन को इस तरह विकसित करने की जरूरत है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोजगार सृजित होगें। वहीं आर्थिक गतिविधियां भी एक जगह केंद्रित ना होकर विकेंद्रित हो सकेंगी।

गंगा सर्किट के जरिए होगा जुड़ाव

गंगा केवल एक नदी ही नहीं बल्कि आस्था से भी जुड़ी है। उत्तर प्रदेश में गंगा किनारे बसे गांव, खुले बड़े मैदान पर्यटन के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण हैं। मुकेश मेश्राम कहते हैं कि गंगा किनारे मैदानों में टेंट सिटी बसाई जाएगी। वहीं बैलून राइड, बोटिंग जैसे कई आकर्षण भी विकसित किए जाएंगे। एक तरफ लोग इन गांवों में ग्रामीण जीवन का अनुभव ले सकेंगे। वहीं एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत तैयार किए जा रहे शिल्प के बारे में भी जानकारी हासिल कर सकेंगे। इससे पर्यटन को एक नया कलेवर दिया जा सकेगा।

बहुभाषीय प्रशिक्षित गाइड तैयार किए जाएंगे

प्रमुख सचिव ने बताया कि अयोध्या आने वाले पर्यटक केवल एक मंदिर तक सीमित ना रहे इसलिए पैकेज टूर तैयार किया जा रहा है। यहां बहुभाषीय प्रशिक्षित गाइड तैनात किए जाएंगे। अभी जो पर्यटक यहां आते हैं वह अपनी जानकारी अनुसार घूम कर चले जाते हैं। गाइड पर्यटकों को इतिहास बताते हुए वहां के आर्किटेक्चर, उद्भव आदि का भी अनुभव कराएंगे। पर्यटकों के लिए यह एक बहुत अच्छा अनुभव साबित होगा।

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