World Ozone Day: एसी-फ्रिज से बिगड़ रही धरती की सेहत, लखनऊ में आंबेडकर विवि करेगा जागरूक
World Ozone Day बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के पर्यावरण विभाग के प्रोफेसर वेंकटेश दत्ता ने बताया कि ओजोन परत की हालत दिन पर दिन खराब हो रही है। परिसर में चलने वाले एसी और फ्रिज को बंद करके लोगों को जागरूक करने का निर्णय लिया गया है।
लखनऊ, जितेंद्र उपाध्याय। विकास के इस दौर में हम भले ही चांद पर पहुंच गए हैं। डिजिटल इंडिया के बढ़ते प्रभाव से हमारी मानसिक दशा में भले ही सुधार हो रहा हो और हम विकसित देशों की श्रेणी में जाने की दौड़ लगा रहे हैं, बावजूद इसके यह विकास हमारे लिए विनाश का कारण न बन जाए, इस पर भी सोचना होगा। एसी की ठंडी हवा का सुखद एहसास हमे अपनी सामाजिक जिम्मेदारी के साथ पर्यावरणीय प्रभाव से बेफिक्र किए हुए है। फ्रिज और एसी से निकलने वाली गर्म हवा हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के साथ ही ओजोन परत को बर्बाद कर रही है। 16 सितंबर को एक बार फिर ओजोन परत को बचाने के लिए जागरूकता अभियान के साथ वैज्ञानिक नए रास्ते और नुकसान के बारे में बताएंगे, लेकिन पिछले दो दशक से इसे बचाने के उपाय से आए परिणाम को शायद ही वह बताएं।
बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के पर्यावरण विभाग के प्रोफेसर वेंकटेश दत्ता ने बताया कि ओजोन परत की हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है। वैज्ञानिक शोधों से पता चला है कि पिछले दो दशकों से समताप मंडल में ओजोन की मात्रा कम हुई है जिसका मुख्य कारण फ्रिज और एसी में इस्तेमाल होने वाली गैस क्लोरो-फ्लोरो कार्बन और हैलोन है। सुपर सोनिक जेट विमानों से निकलने वाली नाइट्रोजन आक्साइड भी ओजोन की मात्रा को कम करने में मदद करती है. ओजोन परत का एक छिद्र अंटार्कटिका के ऊपर स्थित है।
पैरा बैगनी किरणों से कम हो रही रोग प्रतिरोधक क्षमता : बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के पर्यावरण विभाग के सहायक प्रोफेसर डा.नरेंद्र कुमार ने बताया कि धरती से 10 से 50 किमी की ऊंचाई पर नीले रंग की गैस की पर्त होती है जिसे ओजोन कहते हैं। आक्सीजन के तीन परमाणुओं से निर्मित गैस सूर्य से धरती पर आने वाली अल्ट्रावायलेट किरणों से इंसान को बचाती है। इन पैराबैगनी किरणों से आम आदमी में चर्म कैंसर होने के साथ ही मोतियाबिंद का खतरा बढ़ता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी कमी हो जाती है।
एसी-फ्रिज का नहीं होगा इस्तेमाल : बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.संजय सिंह ने बताया कि परिसर को पर्यावरण के अनुकूल बनाया गया है। परिसर के दो तिहाई हिस्से को प्राकृतिक रूप से आबाद किया गया है। 16 सितंबर को विश्व ओजोन दिवस पर पूरे परिसर में चलने वाले एसी और फ्रिज को बंद करके लोगों को जागरूक करने का निर्णय लिया है। इसका कम से कम इस्तेमाल करने का संकल्प लिया जाएगा।
इसलिए मनाया जाता है दिवस : 23 जनवरी 1995 को संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा में ओजाेन परत को बचाने के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लजिए पूरे विश्व में 16 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय ओजोन दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। इसका असर भी दिखने लगा है। बाजार में आने वाले उपकरण ओजोन फ्रेंडली हैं लेकिन अभी और जागरूक होने की जरूरत है। हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम एसी फ्रिज जैसे उपकरणों का कम से कम प्रयोग करें।