यूपी में तबादला करने से नाराज स्वास्थ्य कर्मियों का कार्य बहिष्कार, प्रमाण पत्र बनवाने आए लोग बैरंग लौटे

स्वास्थ्य कर्मियों का आरोप है कि तबादला सूची में महिलाओं को 500 किलोमीटर दूर जिलों में स्थानांतरित कर दिया गया। रिटायरमेंट के नजदीक कर्मचारियों के भी तबादले किए गए। ऐसे में इसे रद्द किया जाए। कर्मचारियों ने कार्यमुक्त होने से इन्कार कर दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 11:29 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 11:29 PM (IST)
यूपी में तबादला करने से नाराज स्वास्थ्य कर्मियों का कार्य बहिष्कार, प्रमाण पत्र बनवाने आए लोग बैरंग लौटे
यूपी के स्वास्थ्य विभाग के लिपिकों के स्थानांतरण को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों और अधिकारियों के बीच टकराव बढ़ गया है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत 1534 लिपिकों के स्थानांतरण को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों और अधिकारियों के बीच टकराव बढ़ गया है। दोनों की लड़ाई में आम लोग परेशान हो रहे हैं। मंगलवार को प्रदेश के सभी जिलों में मेडिको लीगल रिपोर्ट व स्वास्थ्य प्रमाण पत्र नहीं बनाए गए। ऐसे में लोगों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ा।

स्वास्थ्य कर्मियों का आरोप है कि तबादला सूची में महिलाओं को 500 किलोमीटर दूर जिलों में स्थानांतरित कर दिया गया। रिटायरमेंट के नजदीक कर्मचारियों के भी तबादले किए गए। ऐसे में इसे रद्द किया जाए। कर्मचारियों ने कार्यमुक्त होने से इन्कार कर दिया है। उधर, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। वर्षों से एक सीट पर जमे बाबुओं को दूसरी जगह भेजा गया है, इसे लेकर विरोध चल रहा है।

यूपी मेडिकल एंड पब्लिक हेल्थ मिनिस्टीरियल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कुमार सिंह कहते हैं कि स्वास्थ्य विभाग में नियमों को ताक पर रखकर गलत ढंग से तबादले किए गए हैं। अलीगढ़ में कार्यरत महिला लिपिक गायत्री 30 जनवरी, 2022 को सेवानिवृत्त हो जाएंगी। नियमानुसार इनका स्थानांतरण नहीं किया जाना चाहिए था, लेकिन इन्हें बरेली ट्रांसफर कर दिया गया। 28 लिपिक जो दो साल के अंदर सेवानिवृत्त हो जाएंगे, उनके तबादले किए गए। 98 दिव्यांग कर्मचारियों के तबादले कर दिए गए और संगठन के 36 पदाधिकारियों को भी स्थानांतरित कर दिया गया।

एसोसिएशन अध्यक्ष के मुताबिक महिलाओं के साथ ज्यादती की गई है। उन्हें जानबूझकर 500 किलोमीटर दूर भेज दिया गया। नियम के अनुसार सिर्फ 20 फीसद कर्मचारियों के ही तबादले किए जा सकते हैं, लेकिन 3000 में से 1534 लिपिकों के तबादले कर दिए गए। संगठन पदाधिकारियों के मुताबिक ऐसे में शनिवार तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा और अगर तब भी मांग पूरी न हुई तो सोमवार को स्वास्थ्य महानिदेशालय का घेराव किया जाएगा। फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो जाएगी।

दूसरी तरफ स्वास्थ्य कर्मियों के कार्य बहिष्कार के चलते 2250 मेडिको लीगल रिपोर्ट और 750 लोगों के स्वास्थ्य प्रमाण पत्र नहीं बन पाए। बीते सोमवार को करीब 9000 दिव्यांगों के प्रमाण पत्र भी नहीं बनाए गए थे। यह प्रत्येक सोमवार को बनाए जाते हैं। उधर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि निष्पक्ष व पारदर्शी ढंग से तबादले किए गए हैं। पूरी प्रक्रिया आनलाइन की गई थी। वर्षों से जमे लिपिकों के तबादले होने से यह बवाल हो रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री ने मांगी रिपोर्ट : स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह का कहना है कि स्थानांतरण पूरी पारदर्शिता के साथ किए गए हैं। कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार के बारे में जानकारी मिली है और इस पूरे प्रकरण पर अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है। नियम के अनुसार ही कार्य किया जाएगा। किसी के भी साथ अन्याय नहीं होगा।

फेडरेशन के पदाधिकारी निदेशक से मिले : यूपी फेडरेशन आफ मिनिस्टीरियल सर्विस फेडरेशन के पदाधिकारियों ने मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रशासन डा.राजा गणपति से मुलाकात की। प्रांतीय अध्यक्ष सुरेश कुमार सिंह ने मांग की कि लिपिकों के दूरदराज किए गए तबादलों को निरस्त किया जाए। खासकर महिलाओं को राहत दी जाए। निदेशक ने कहा कि सभी तबादले स्वास्थ्य मंत्री के अनुमोदन से हुए है। स्थानांतरित किए गए कर्मचारी नए तैनाती स्थल पर ज्वाइन करें। आगे मांग पत्र पर विचार किया जाएगा और फैसले से कर्मियों को अवगत कराया जाएगा। उधर यूपी मेडिकल एंड पब्लिक हेल्थ मिनिस्टीरियल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कुमार सिंह ने स्पष्ट किया कि उनका आंदोलन जारी रहेगा। अभी उनके संगठन से किसी अधिकारी की बात नहीं हुई है।

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