मनरेगा की महिला कार्मिकों को पदोन्नति के लिए देनी होगी परीक्षा, यूपी की 44 हजार मह‍िलाओं को होगा फायदा

ग्राम्य विकास विभाग दो माह का विशेष प्रशिक्षण पूरा होने पर ब्लाकों पर मह‍िलाओं के ल‍िए लिखित परीक्षा आयोज‍ित करेगा ताकि वे पुरुषों की तरह मेट के पद पर पदोन्नत हो सकें। प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को मानदेय का भी भुगतान मिलेगा।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Mon, 22 Nov 2021 07:05 AM (IST) Updated:Mon, 22 Nov 2021 12:40 PM (IST)
मनरेगा की महिला कार्मिकों को पदोन्नति के लिए देनी होगी परीक्षा, यूपी की 44 हजार मह‍िलाओं को होगा फायदा
ग्राम्य विकास विभाग में मनरेगा मेट के रूप में करीब 44 हजार महिलाएं कार्यरत है।

लखनऊ, [धर्मेश अवस्थी]। ग्राम्य विकास विभाग मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी) योजना में महिलाओं को कार्य देने के साथ उन्हें आत्मनिर्भर बना रहा है। प्रदेश में करीब 44 हजार महिलाओं को अब तक महिला मेट के रूप में जोड़ा जा चुका है। उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिलाकर लिखित परीक्षा कराने की तैयारी है, ताकि वे पुरुषों की तरह मेट के पद पर पदोन्नत हो सकें। प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को मानदेय का भी भुगतान मिलेगा।

गांवों में मनरेगा से महिलाओं को सशक्त बनाने की मुहिम तेज हुई है। वैसे तो इस योजना में श्रमिक के रूप में महिलाएं लंबे समय से कार्यरत है, लेकिन आठ मार्च को ग्राम्य विकास विभाग ने मेट के 50 फीसद पदों पर महिलाओं को रखने का आदेश दिया, उन्हें तीन साल तक इस पद पर रहने का मौका मिलेगा। असल में 58189 ग्राम पंचायतों में वर्षभर मनरेगा का कार्य चलता ही रहता है। उनमें से करीब 60 प्रतिशत कार्य ऐसे होते हैं जिनमें 50 से अधिक मजदूर लगते हैं। इतने मजदूरों पर एक मेट रखा जाता है। अब तक करीब 44 हजार महिलाओं को मेट के रूप में जोड़ा जा चुका है।

इन महिलाओं को विभाग अब विशेष प्रशिक्षण दिलाएगा, जहां पर कार्य चल रहा है, वहां उन्हें जाकर मेट के कामकाज की बारीकियां सीखना होगा। यह प्रशिक्षण आन-जाब यानी महिलाओं को छह हजार रुपये प्रतिमाह भुगतान भी दिया जाएगा। प्रशिक्षण 60 दिन चलेगा उसके बाद उनकी विकासखंड स्तर पर लिखित परीक्षा कराई जाएगी, इम्तिहान में मेट के कामकाज से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे। ज्ञात हो कि महिला मेट के रूप में वैसे तो आठवीं पास होना जरूरी है, लेकिन अधिकांश महिलाएं इंटर उत्तीर्ण और उच्च शिक्षित हैं। लिखित परीक्षा में जो महिलाएं उत्तीर्ण हो जाएंगी उन्हें अर्धकुशल श्रमिक के रूप में कार्य मिलेगा, वहीं जो असफल होंगी उन्हें फिर से 40 दिन का विशेष प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।

दोबारा प्रशिक्षण के बाद फिर लिखित परीक्षा होगी और इसमें अनुत्तीर्ण होने वाली महिलाओं को तीसरा मौका नहीं मिलेगा। असफल होने वाली महिलाएं श्रमिक के रूप में मनरेगा में कार्य कर सकती हैं लेकिन, मेट बने रहने के लिए उन्हें दक्षता दिखानी ही होगी। मनरेगा के अपर आयुक्त योगेश कुमार ने बताया कि लोक निर्माण विभाग के 18 जोनो में दी जा रही अर्धकुशल मजदूरी की तर्ज पर महिलाओं को भुगतान मिलेगा। उन्होंने बताया कि महिलाओं की लिखित परीक्षा और प्रशिक्षण के लिए योजना बनाई जा रही है, जल्द ही इस संबंध में आदेश निर्गत किए जाएंगे।

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