Black Fungus से लखनऊ के लोह‍िया संस्‍थान में पहली मौत, केजीएमयू में आठ मरीज भी चपेट में

कोरोना से उबरने के बाद आंख व नाक में सूजन होने पर सोमवार को महिला को लोहिया संस्थान की इमरजेंसी लाया गया था। डाक्टरों ने लक्षणों के आधार पर ब्लैक फंगस की आशंका जाहिर की थी। इसके बाद सीटी स्कैन करने पर फंगस नजर आया।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 11:05 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 07:04 AM (IST)
Black Fungus से लखनऊ के लोह‍िया संस्‍थान में पहली मौत, केजीएमयू में आठ मरीज भी चपेट में
आंख व नाक में सूजन होने पर सोमवार को महिला को लोहिया संस्थान की इमरजेंसी लाया गया था।

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण काल के दौरान म्यूकोरमायकोसिस (ब्लैक फंगस) भी अब मरीजों की जान लेने लगा है। लोहिया संस्थान की होल्डि‍ंग एरिया में पोस्ट कोविड एक महिला मरीज की इस बीमारी के चलते मौत हो गई। कोरोना से उबरने के बाद आंख व नाक में सूजन होने पर सोमवार को महिला को लोहिया संस्थान की इमरजेंसी लाया गया था। डाक्टरों ने लक्षणों के आधार पर ब्लैक फंगस की आशंका जाहिर की थी। इसके बाद सीटी स्कैन करने पर फंगस नजर आया। तब महिला का उपचार शुरू किया, मगर उसकी हालत लगातार बिगड़ती गई।

इस दौरान फंगस की कल्चर जांच कराने की तैयारी भी शुरू हुई। इसी बीच उसकी मौत हो गई। हुई। कोरोना के गंभीर मरीजों या बीमारी से उबर चुके मरीजों में यह समस्या देखने को मिल रही है। मृतक महिला को शुगर की बीमारी भी बताई जा रही है। इस वजह से उसे ब्लैक फंगस की शिकायत हुई। डाक्टरों के अनुसार कोविड से उबरने के बाद बाहर बिना मास्क के टहलना उचित नहीं है।

डॉक्टरों का कहना है कि लंबे समय तक मरीज को ऑक्सीजन लगे रहने, अनियंत्रित शुगर वाले मरीजों को स्टेरायड की हाई डोज देने इत्यादि से यह दिक्कत हो सकती है। पीडि़त मरीज में आंख, नाक के पास कालापन, आंखों का लाल होना या दर्द होना, चेहरे, जबड़े व दांतों में दर्द इत्यादि अनेक लक्षण हो सकते हैं। हालांकि, सामान्य कोविड मरीजों में यह बीमारी नहीं हो रही। ज्यादातर सीवियर कोविड मरीज ही इसके शिकार हो रहे हैं। इनका भी फीसद बहुत कम है। कई हजार मरीजों में सिर्फ एक दो को ही यह बीमारी प्रारंभिक तौर पर देखने को मिल रही है।  

केजीएमयू में आठ मरीजों की आंखों पर ब्लैक फंगस का कहर

लखनऊ: केजीएमयू में ब्लैक फंगस ने 8 मरीजों की आंखों पर सीधे हमला बोला है। जिससे इन मरीजों को दिखाई देना कम हो गया है। इनमें से कुछ मरीजों का लिंब सेंटर व कुछ का गांधी वार्ड में इलाज चल रहा है। इनमें से कई मरीज दूसरे अस्पतालों से भी रेफर हो कर आए हैं। वरिष्ठ डाक्टरों की निगरानी में इन मरीजों का उपचार चल रहा है। मगर इनमें से 3 मरीजों की आंखों पर गंभीर असर बताया जा रहा है। केजीएमयू, लोहिया व लोकबंधु अस्पताल समेत लखनऊ में अब तक करीब एक दर्जन ब्लैक फंगस यानी म्यूकोरमाइकोसिस के मरीज सामने आ चुके हैं।

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