Winter Health Tips: सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है दिल के रोगों का खतरा, जानें-लक्षण और बचाव के तरीके
सर्दी के मौसम की शुरुआत हो चुकी है और इस मौसम में दिल के मरीजों को अपना खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ भुवन तिवारी कहते हैं कि सर्दियों में अमूमन हृदय रोग से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ जाती है।
रामांशी मिश्रा, लखनऊ। सर्दी के मौसम की शुरुआत हो चुकी है और इस मौसम में दिल के मरीजों को अपना खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ भुवन तिवारी कहते हैं कि सर्दियों में अमूमन हृदय रोग से ग्रसित मरीजों में लक्षण और नए हृदय रोगियों की संख्या 10% तक बढ़ जाती है। वह कहते हैं कि सर्दियां शुरू होते ही हृदय रोगियों को कुछ सावधानियां बरतनी शुरू कर देनी चाहिए। वह बताते हैं कि शरीर में 'अर्ली वार्निंग सिम्टम्स' पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।
शरीर मे भारीपन महसूस होना या सांस में तकलीफ होने के लक्षण मुख्य रूप से बढ़ जाते हैं। इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर होता है। डॉ भुवन कहते हैं कि सबसे आसान लक्षण यह होते हैं कि जो काम हम बाकी के दिनों में आराम से कर पा रहे थे, उसे करने में परेशानी होने लगती है। मसलन, एक किलोमीटर चलने वाला व्यक्ति 100 मीटर चलने में भी थकने लगता है। युवा हों या बुजुर्ग सभी को हर दिन कम से कम 30 मिटन टहलना चाहिए। हल्की कसरत भी जरूरी है। अगर प्रदूषण अधिक हो तो बेहतर है कि घर में ही योग और कसरत करें।
वहीं, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ राजेश श्रीवास्तव कहते हैं कि सर्दियां बढ़ने के साथ ही हृदय रोगियों को अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। चिकनाई वाले खाने पर लगाम लगाएं और नमक की मात्रा प्रतिदिन सिर्फ 5 ग्राम ही रखें। इसके अलावा सबसे अधिक सावधानी रखने की बात यह है कि हृदय रोग के मरीजों को रात में खाना खाने के बाद सर्दियों में टहलना नहीं चाहिए। पानी की मात्रा भी उचित रखें एक बार में ज्यादा पानी पीने की जगह पर घूंट में पानी पियें। साथ ही किसी भी तरह की परेशानी होने पर अपने हृदय रोग चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।