बदलेगा परिषदीय स्कूलों में पढ़ाने का तौर तरीका, जान‍िए कौन-कौन से हो रहे बदलाव

कक्षा एक से तीन में भाषाई कौशल व गणित सिखाने के लिए रुचिकर गतिविधियों पर होगा जोर। क्लासरूम की रंगत बदलेगी हस्तपुस्तिकाओं व संदर्शिकाओं से शिक्षक सीखेंगे दक्षता से पढ़ाने का नुस्खा। नई सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 07:49 AM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 07:49 AM (IST)
बदलेगा परिषदीय स्कूलों में पढ़ाने का तौर तरीका, जान‍िए कौन-कौन से हो रहे बदलाव
शिक्षक सीखेंगे दक्षता से पढ़ाने का नुस्खा।

लखनऊ, जेएनएन। परिषदीय स्कूलों में अब बच्चों को पढ़ाने के तौर-तरीके में बदलाव देखने को मिलेगा। बच्चों को पढ़ाने के लिए पारंपरिक तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली पाठ्यपुस्तकों और हस्तपुस्तिकाओं का इस्तेमाल तो जारी रहेगा लेकिन कक्षा शिक्षण सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं रहेगा। कक्षा एक से तीन तक के बच्चे भाषाई कौशल और गणितीय दक्षता सरलता और रुचिकर गतिविधियों के माध्यम से हासिल कर सकें, अब कक्षा शिक्षण में जोर इस पर होगा। इसके लिए स्कूलों और शिक्षकों को नई शिक्षण सामग्री भी मुहैया करायी जा रही है।

क्लासरूम टीच‍िंंग को सरल, रुचिकर और गतिविधि आधारित बनाने के लिए शिक्षकों के लिए शिक्षण संग्रह, ध्यानाकर्षण और आधारशिला नामक तीन हस्तपुस्तिकाएं दी जा रही हैं जिनका मुख्य उद्देश्य शिक्षण प्रणाली को बेहतर बनाना है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि शिक्षण संग्रह में शिक्षण तकनीक में वृद्धि के लिए जरूरी गतिविधियों का इस्तेमाल बताया गया है। इससे शिक्षक कक्षा का बेहतर संचालन कर सकेंगे और दक्षता के साथ पढ़ाना सीखेंगे। ध्यानाकर्षण हस्तपुस्तिका में उन 18 तकनीकों की जानकारी दी गई है जिनका उपयोग करके शिक्षक उपचारात्मक शिक्षण से संबंधित गुणों को सीख सकते हैं। आधारशिला हस्तपुस्तिका के जरिये शिक्षक बुनियादी शिक्षा और दक्षता के साथ पढ़ाने के मायने जान सकेंगे।

इस सत्र में स्कूलों को प्रि‍ंट समृद्ध पोस्टर और चार्ट दिये जाएंगे जिनमें से कुछ क्लासरूम की दीवारों पर चिपकाएं जाएंगे और कुछ का इस्तेमाल बच्चों में खेल आधारित गतिविधियों के जरिये भाषाई और गणितीय कौशल विकसित करने के लिए किया जाएगा। आधारशिला हस्तपुस्तिका को कक्षा में ढालने का नुस्खा बताने के लिए कक्षा एक से तीन तक के लिए आधारशिला संदर्शिकाएं दी जाएंगी।

प्रत्येक स्कूल में गणित किट, करेंसी नोट के जरिये मुद्रा की जानकारी तथा लकड़ी के बने ठोस आकारों के जरिये बच्चों को वृत्त, वर्ग और आयात का मतलब समझाया जा सकेगा। प्रत्येक स्कूल में रीड‍िंंग कॉर्नर के साथ एनसीईआरटी की किताबों से सजी लाइब्रेरी भी तैयार की जा रही है।  

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