Flood Warning in UP: बहराइच और सीतापुर में नदियों का जलस्‍तर बढ़ा, खतरे के मुहाने पर कई गांव

प्रदेश के कई जिलों में कहीं तटबंध खतरे में हैं तो कहीं पानी खतरे के निशान के करीब पहुंचा चुका है। घाघरा का जलस्‍तर दो सेंटीमीटर प्रतिघंटे की गति से बढ़ रहा है। नदियाें से बाढ़ का खतरा पिछले वर्षों की तरह इस बार भी भयावह होने के आसार हैं।

By Mahendra PandeyEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 03:44 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 03:44 PM (IST)
Flood Warning in UP: बहराइच और सीतापुर में नदियों का जलस्‍तर बढ़ा, खतरे के मुहाने पर कई गांव
नदियाें से बाढ़ का खतरा पिछले वर्षों की तरह इस बार भी भयावह होने के आसार हैं।

लखनऊ, जेएनएन। उत्‍तर प्रदेश में मानसून अभी भले ही सक्रिय न हुआ हो, लेकिन नदियों का जलस्‍तर तेजी से बढ़ रहा है। अवध क्षेत्र की नदियों के उफनाने का मुख्‍य कारण है, पहाड़ों पर झमाझम बारिश। नेपाल की नदियों से आने वाले पानी को बैराजों से अवध क्षेत्र की नदियों में छोड़ा जा रहा है, इससे कई जिलों के गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़़ गया है। कुछ जिलों में सैकड़ों बीघा जमीन नदी में समा चुकी है। इसके अलावा कहीं तटबंध खतरे में हैं, तो कहीं पानी खतरे के निशान के करीब पहुंचा चुका है। घाघरा का जलस्‍तर दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की गति से बढ़ रहा है। नदियाें से बाढ़ का खतरा पिछले वर्षों की तरह इस बार भी भयावह होने के आसार हैं। इसको लेकर प्रशासन ने क्‍या तैयारी की है, कहां-कहां जल स्‍तर तेजी से बढ़ रहा है, पढि़ए ये रिपोर्ट-  

भिरगूपुरवा गांव कटान के मुहाने पर तो हरजिन बस्‍ती को निगर रहीं घाघरा 

बहराइच: गुरुवार की सुबह तीनों बैराजों से दो लाख 95 हजार 863 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। नतीजन घाघरा का जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। जलस्तर बढ़ने से घाघरा के तटवर्ती गांवों में बाढ़ की संभावना बढ़ गई है वहीं कुछ गांवों में कटान भी शुरू हो गई है। कैसरगंज तहसील के मंझारा तौंकली ग्राम पंचायत के ग्यारह सौ रेती व भिरगूपुरवा गांव कटान के मुहाने पर आ गए हैं जबकि हरिजनबस्ती को घाघरा ने निगलना शुरू कर दिया है। गांव निवासी ओमप्रकाश व शंकर का मकान धारा में समाहित हो गया जबकि श्यामदेव व गोविंद की पांच बीघे कृषि योग्य भूमि भी कटान की भेंट चढ़ गई। महसी तहसील के तिकुरी ग्राम पंचायत के किनारों को भी घाघरा ने खंगालना शुरू कर दिया है। भीषण बाढ़ की आशंका से तटवर्ती ग्रामीण सहम गए हैं। तटवर्ती ग्रामीणों ने सुरक्षित ठिकानों की तलाश शुरू कर दी है।

गुरुवार की दोपहर 12 बजे घूरदेवी स्पर पर घाघरा का जलस्तर 112.135 मीटर के सापेक्ष 110.300 मीटर रिकॉर्ड किया गया। यहां घाघरा लाल निशान से 1.65 मीटर नीचे बह रही है। सरयू ड्रेनेज खंड प्रथम के अधिशासी अभियंता शोभित कुशवाहा ने बताया कि गुरुवार को शारदा बैराज से एक लाख 42 हजार 466, गिरिजापुरी बैराज से एक लाख 34 हजार 435 व गोपिया बैराज से 18 हजार 962 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। तहसीलदार महसी राजेश कुमार वर्मा ने बताया कि बैराजों से पानी ज्यादा छोड़ा गया है। लेकिन नदी अभी खाली है जिससे बाढ़ की संभावना नहीं है। तहसील प्रशासन नदी की स्थिति पर नजर बनाए हुए है। एसडीएम एसएन त्रिपाठी ने बताया कि बाढ़ आपदा से निपटने के लिए महसी तहसील क्षेत्र में 14 बाढ़ राहत चौकियों की स्थापना कर दी गई है। इन चौकियों पर राहत सामग्री वितरण व स्वास्थ्य सेवाओं की टीम मौजूद रहेगी। नौ लंगर स्थल बनाए गए हैं जहां खाद्य सामग्रियां वितरित होगी। दो बाढ़ शरणालय बनाए गए हैं ताकि बाल के दौरान बाढ़ प्रभावित परिवारों को वहां पर सुरक्षित रोका जा सके।

बहाइच की नदियों का जलस्तर

नदी-बैराज-            लाल निशान     जलस्तर घाघरा-गिरजापुरी      136.80         135.35 घाघरा- एल्गिन ब्रिज  106.07        105.686 घाघरा-घूरदेवी           112.135       110.300 सरयू-गोपिया            133.55         132.05 शारदा-शारदा            135.49          135.05

140 बीघा जमीन नदी में समाई, स्टड डूबा, विधायक और डीएम जायजा लेने पहुंचे

सीतापुर : घाघरा और शारदा की लहरों ने अब नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है। जिले के रेउसा इलाके में करीब 140 बीघा जमीन नदी में समा गई है। फौजदार पुरवा वह कोनी पुरवा को बचाने के लिए बनाए गए स्टड व परक्यूपाइन नदी की धार में कट गए हैं। इन इलाकों के ग्रामीण सुरक्षित स्थान पर जाने की कवायद करने लगे है। नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए गुरुवार को सेवता विधायक ज्ञान तिवारी डीएम विशाल भारद्वाज स्थिति का जायजा लेने के लिए पहुंचे हैं।

चेतावनी बिंदु से 11 सेंटीमीटर ऊपर बह रही राप्‍ती

बलरामपुर : तीन दिन लगातार हुई तेज बारिश के बाद बुधवार को बरसात थम गई थी, लेकिन गुरुवार सुबह से ही रुक-रुक कर बारिश होने से लोगों को गर्मी से राहत मिली। भारी बारिश के कारण हेंगहा समेत छह पहाड़ी नालों में उफान आ गया है। राप्ती नदी का भी जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। नदी चेतावनी बिंदु 103.620 से 11 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। इससे तटवर्ती गांवों के लोगों में बाढ़ का खतरा सताने लगा है। ललिया-हरिहरगंज मार्ग पर लौकहवा डीप पर बाढ़ का पानी बहने से आवागमन प्रभावित है।

राहत : मध्‍यरात्रि से घटने लगा जलस्‍तर 

बाराबंकी : सरयू नदी का जल स्तर घटने लगा है। बुधवार को जल स्तर खतरे के निशान 106.070 मीटर के सापेक्ष 105.626 मीटर तक शाम पांच बजे पहुंचा था। मध्य रात्रि के बाद जल स्तर घटने लगा। इससे तटवर्ती गांवों में फिलहाल बाढ़ का खतरा टल गया है। खतरे के निशान से आधा मीटर ऊपर जल स्तर पहुंचने पर तटवर्ती गांवों में बाढ़ का खतरा हो जाता है।

सुलतानपुर में गोमती का जलस्‍तर स्थिर 

सुलतानपुर की सीमा में प्रवाहित 206 किमी गोमती का जलस्तर स्थिर है। गुरुवार को यह 79.680 मीटर दर्ज किया गया जो खतरे के निशान 84.735 से काफी नीचे है।

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