हरदोई में पुलिया के ऊपर से निकल रहा नाले का पानी, संडीला से कटा आठ गांवों का संपर्क
16 साल पहले ग्रामीणों ने नाला पार करने के लिए खुद पुलिया बनवा ली जिससे सामान्य दिनों में वह इससे संडीला आने जाने लगे लेकिन जरा सी बरसात इन लोगों के लिए मुसीबत बन जाती और एक तो जर्जर सड़क दूसरे पुलिया के ऊपर से पानी बहने लगता है।
हरदोई, जागरण संवाददाता। आखिर हुआ वही जिसका ग्रामीणों को डर था। गुरुवार को हुई जमकर बरसात से क्षेत्र के आठ गांवों का संडीला से संपर्क टूट गया। बेता नाले में बढ़ा पानी महामऊ से खुटेना संपर्क मार्ग पर बनी पुलिया के ऊपर से बहने लगा है। अब इस क्षेत्र के लोगों को संडीला जाने के लिए 16 किलोमीटर लंबा चक्कर लगाना पड़ेगा। सबसे ज्यादा दिक्कत तो मरीजों और छात्राओं के सामने है, कि वह अब संडीला कैसे जाएंगे।
गड़ियनख़ेड़ा, रावलखेड़ा, करीमनगर, गोसाईखेड़ा, बछीटा, गरिंदखेड़ा और किन्हौटी गांवों के ग्रामीण महामऊ-खुटेना मार्ग से संडीला जाते हैं। कहने को तो यह केवल डेढ़ किलोमीटर लंबा मार्ग है और इस पर एक छोटी सी पुलिया बननी है, लेकिन इसने इस क्षेत्र के लोगों को विकास के कोसों दूर कर दिया है। पुलिया न होने से इन गांवों के बच्चे पढ़ाई के लिए संडीला नहीं जा पाते थे। इन गांवों की करीब चार हजार आबादी में 70 फीसद लोग केवल बेसिक पढ़ाई ही कर सके हैं। इस परेशानी को देखते हुए 16 साल पहले ग्रामीणों ने किसी तरह नाला पार करने के लिए खुद पुलिया बनवा ली, जिससे सामान्य दिनों में वह इससे संडीला आने जाने लगे, लेकिन जरा सी बरसात इन लोगों के लिए मुसीबत बन जाती और एक तो जर्जर सड़क दूसरे पुलिया के ऊपर से पानी बहने लगता और लोगों का संडीला आना जाना बंद हो जाता है। दो दिन हुई जमकर बरसात से अब वही हो गया, पानी पुलिया के ऊपर से बहने लगा है और इस मार्ग से आवागन पूरी तरह से बंद हो गया। प्रधान हरिवंश पाल का कहना है कि इस मार्ग से अब कोई नहीं जा पाएगा। छह किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए उन्हें 16 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ेगा। यह समस्या हर साल होती है, लेकिन इसकी तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जाता है और इसका खमियाजा इस क्षेत्र के लोगों को भुगतना पड़ता है।
महामऊ से खुटेना संपर्क मार्ग व इस पर पड़ने वाली पुलिया का निर्माण उनकी प्राथमिकता में है। शासन स्तर पर इसकी मांग कर चुके हैं। जल्द से जल्द इसका निर्माण भी कराया जाएगा। -अशोक रावत, सांसद मिश्रिख