LDA: लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क की झील में चलेगी वॉटर फिल्म, तीन किलोमीटर तक ट्रेन की पटरी बिछाने का भी प्रस्ताव

लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) पुराने लखनऊ की तर्ज पर जनेश्वर मिश्र पार्क की वाटर बॉडी में वाटर स्क्रीन पर फिल्म चलाने की तैयारी कर रहा है। दर्शकों के लिए जनेश्वर मिश्र पार्क में यह सुविधा जल्द ही मिलेगी। इसके लिए लविप्रा द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 01:10 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 07:30 AM (IST)
LDA: लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क की झील में चलेगी वॉटर फिल्म, तीन किलोमीटर तक ट्रेन की पटरी बिछाने का भी प्रस्ताव
जनेश्वर पार्क में तीन किमी. ट्रेन की पटरी बिछाए जाने का प्रस्ताव पर भी काम हो रहा है।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) पुराने लखनऊ की तर्ज पर जनेश्वर मिश्र पार्क की वाटर बॉडी में वाटर स्क्रीन पर फिल्म चलाने की तैयारी कर रहा है। दर्शकों के लिए जनेश्वर मिश्र पार्क में यह सुविधा जल्द ही मिलेगी। इसके लिए लविप्रा द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। पार्क में आने वाले लोगों से इसका शुल्क लिया जाएगा या नहीं, इस पर अभी निर्णय नहीं हुआ है। वर्तमान में जनेश्वर मिश्र पार्क में बोटिंग, साइकलिंग की सुविधा है। यही नहीं बच्चों के लिए झूले, ओपेन जिम जैसी सुविधा उपलब्ध है। 

लविप्रा के अभियंताओं ने बताया कि पार्क में तीन किमी. ट्रेन की पटरी बिछाए जाने का प्रस्ताव पर भी काम हो रहा है। हालांकि अभी इस पूरे प्रोजेक्ट को गति नहीं मिली है। जनेश्वर मिश्र पार्क का काम देख रहे अधिशासी अभियंता अवनींद्र कुमार सिंह ने बताया कि पार्क में स्थित वॉटर बाड़ी कई सौ मीटर लंबी है।इसी वॉटर बाडी में जेट से जो फौव्वारा निकलता है, उसी के जरिए वाटर फिल्म को लेकर खाका तैयार किया जा रहा है। इस पूरे प्रोजेक्ट में तीन करोड़ से अधिक का खर्च आ रहा है। वहीं हर साल उसके रखरखाव पर भी खर्च होगा।

शाम को एक घंटे शो चलेगाः शाम को एक घंटे शो चलाने की तैयारी है। शाम सात से आठ बजे के बीच इसे संचालित किया जाएगा। हालांकि खर्च होने वाली तीन करोड़ रकम निकाली कैसे जाएगी, उस पर मंथन अफसरों का जारी है। अफसरों के मुताबिक किराए को लेकर अभी तक अफसरों में यह तय नहीं हो पाया कि कोई शुल्क होगा या नहीं।

जनेश्वर मिश्र पार्क में टूटे झूलेः जनेश्वर मिश्र पार्क में पांच साल के बच्चों के लिए किड्स जोन में कुछ झूले टूट चुके हैं। इससे यहां आने वाले बच्चों को निराशा हो रही है। वहीं सात से बारह साल वाले किड्स जोन के कुछ झूलों के पास मार्ग प्रकाश की उचित व्यवस्था नहीं है और घास भी काफी बड़ी हो गई है। उधर अभियंताओं ने बताया कि कई नए झूले लगाए गए हैं, जो टूटे हैं, उनकी मरम्मत कराई जाने की फाइल चलाई गई है।

chat bot
आपका साथी