लखनऊ आरटीओ कार्यालय जाना चाहते हैं तो इंतजार करें, परिसर के अंदर भरा है घुटनों तक पानी
LUCKNOW RTO OFFICE बारिश हो रही है और वाहन संबंधित या फिर डीएल बनवाने के कार्य से ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ कार्यालय जा रहे हैं तो थोड़ा इंतजार कर लें। वर्ना घुटनों तक भरे पानी से होकर आपको गुजरना पड़ेगा।
लखनऊ, जेएनएन। बारिश हो रही है और आप वाहन संबंधित या फिर डीएल बनवाने के कार्य से ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ कार्यालय जा रहे हैं तो थोड़ा इंतजार कर लें। वर्ना घुटनों तक भरे पानी से होकर आपको गुजरना पड़ेगा। वजह यह है कि सड़क ऊंची होने से आरटीओ कार्यालय एक कटाेरे के रूप में तब्दील हो जाता है। न केवल परिसर बल्कि बाहर का पानी भी इसमें जमा हो जाता है। ऐसा नहीं कि प्रयास नहीं हुए हैं, पानी परिसर में न जमा होने पाए इसके लिए परिसर में चार सोख्ता बनाए गए। दो पुराने हैं और दो नए। नए वाले तो काम कर रहे हैं लेकिन पुराने वाले सोख्ता पानी पूरी तरह से फिल्टर नहीं कर पा रहे हैं। सोख्ता अब पानी कम पैसा ज्यादा सोख रहे हैं। अब तक इस समस्या का स्थाई हल नहीं निकल सका है।
जलजमाव की समस्या से निपटने के लिए परिसर में दो बड़े सोख्ता बनाए गए। साल 2018-19 में 32 लाख 42 हजार रुपये खर्च हुए। अधिकारियोें के मुताबिक इन दोनों सोखता से पानी परिसर से कम होने लगा। लेकिन पुराने बने दो सोख्ता अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रहे हैं। इनकी सफाई करा किसी तरह काम चलाया जा रहा है। कुछ दिन तो इस समस्या से राहत मिली लेकिन अब फिर से परिसर में पानी भरना शुरू हो गया। इस बार वर्ष 2020-21 में भवन के अनुरक्षण काम समेत परिसर में नया निर्माण काम के लिए करीब एक करोड़ 40 लाख की धनराशि पर मंजूरी स्वीकृत हुई। इसमें से 59 लाख 89 हजार रुपये की पहली किस्त मिल गई। लेकिन काम अभी शुरू नहीं हुआ है।
चार साल पहले परिसर में बर्बाद हुईं थीं सैकड़ों फाइलेंः चार साल पहले देर रात हुई बरसात का पानी आरटीओ कार्यालय के कमरों में भर गया था। सुबह जब अधिकारी कार्यालय पहुंचे तो नजारा देख अफसरों के होश उड़ गए थे। कमरों में पंजीयन संबंधित सारी फाइलें खराब हो चुकी थीं। बाद में इन्हें सुखाया गया।
सारा कार्य सरकारी निर्माण एजेंसी से पूर्व के अधिकारियों द्वारा कराया गया था। हां यह सही है कि पहलेे दिन बरसात होने के बाद पुराने दोनों सोख्ता की सफाई कराई गई थी। नए सोख्ता बनाए जाने की जरूरत पर उच्चाधिकारियों से वार्ता कर निर्णय लिया जाएगा।- रामफेर द्विवेदी, संभागीय परिवहन अधिकारी