फ्लैट से टपकता है पानी, आए दिन बंद हो जाती है लिफ्ट...एलडीए के स्मृति अपार्टमेंट में समस्याओं का अंबार
दर्जनों की संख्या में महिलाएं और पुरुष आवंटी लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव पवन कुमार गंगवार से मिले। आधा दर्जन समस्याएं गिनाई। सचिव ने सभी समस्याओं को सुनने के बाद प्रमुखता पर हल करवाने का आश्वासन दिया है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। सर मेरे बाबा साधारण शिक्षक थे, जीवन भर की कमाई लगाकर कुर्सी रोड स्थित स्मृति अपार्टमेंट फ्लैट खरीदा, अब फ्लैट में रहने का सुख वह नहीं उठा पा रहे हैं। अभी 19 अक्टूबर को ही डाक्टर को दिखाकर जब लौटा तो लिफ्ट खराब हो गई थी। दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक वहीं लिफ्ट के पास जमीन में बैठे रहे, कारण लिफ्ट बनाई जा रही थी। अस्सी वर्षीय राम कृपाल तिवारी को वहीं पोते सुजीत ने जीने से जाकर पानी पिलाया और लिफ्ट ठीक होने के बाद सातवें तल पर स्थित फ्लैट नंबर डी 704 में ले गए। यह स्थित कुर्सी रोड स्थित स्मृति अपार्टमेंट की है। बुधवार को दर्जनों की संख्या में महिलाएं और पुरुष आवंटी लविप्रा सचिव पवन कुमार गंगवार से मिले। आधा दर्जन समस्याएं गिनाई। सचिव ने सभी समस्याओं को सुनने के बाद प्रमुखता पर हल करवाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने मुख्य अभियंता इन्दू शेखर सिंह के साथ आवंटियों की बैठक अपने समक्ष कराई और लिफ्ट के रखरखाव के लिए अनुबंध करवाने की बात कही। वहीं सीसीटीवी का टेंडर जल्द से जल्द करवाने को कहा।
फ्लैट नंबर डी 704 में रहने वाले राम कृपाल तिवारी के पोते सुजीत तिवारी ने लविप्रा सचिव को आपबीती सुनाई। पूरी व्यवस्था सुनकर सचिव भी भावुक हो गए। उन्होंने आश्वासन दिया कि समस्या का निदान अवश्य होगा। स्मृति अपार्टमेंट रेजीडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह, महासचिव अशोक तिवारी महिलाओं और पुरुषों को लेकर पूरी स्थिति से सचिव को अवगत कराया।
यह समस्याएं सचिव को गिनाई लिफ्ट का वार्षिक रखरखाव देने के बाद भी दो दो दिन लिफ्ट बंद रहती है। पंखे, लाइट भी खराब हैं। आए दिन कोई न कोई परिवार लिफ्ट में फंस जाता है, कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है। बिजली के बैकअप का नियम है, लेकिन व्यवस्था पूरी तरह फेल है। जनरेटर दिखावे के लिए लगा है। फायर सिस्टम शो पीस बने हुए हैं। टॉवरों पर जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। नब्बे फीसद टॉवरों के फ्लैट में सीलन की समस्या जटिल है। छतों व दीवारों से पानी टपकता है। पार्किंग का आवंटन आज तक नहीं हो सका।