लखनऊ में अस्पतालों पर FIR नहीं करने पर सीएमओ को चेतावनी, एक हफ्ते का म‍िला समय

प्रभारी अधिकारी ने सोमवार तक का दिया वक्त कहा-एफआइआर नहीं तो सीएमओ के खिलाफ होगी कार्रवाई। प्रभारी अधिकारी के आदेश के बावजूूद पांच दिनों बाद भी रिपोर्ट नहीं दर्ज होने पर शासन ने भी इस पर जवाब तलब किया है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 06:58 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 07:23 AM (IST)
लखनऊ में अस्पतालों पर FIR नहीं करने पर सीएमओ को चेतावनी, एक हफ्ते का म‍िला समय
निजी अस्पतालों की लूट के मामले पर तीन अस्पतालों के खिलाफ दर्ज होनी थी रिपोर्ट।

लखनऊ, जेएनएन। मैक्वेल, जेपी और देविना अस्पतालों पर मरीजों से वसूली के गंभीर आरोप थे। खुद प्रभारी अधिकारी रोशन जैकब ने अस्पतालों में जाकर जांच के बाद वसूली के आरोप सही पाते हुए तीनों अस्पतालों के खिलाफ सीएमओ को रिपोर्ट दर्ज कराने का आदेश दिया था। प्रभारी अधिकारी के 12 मई के आदेश के बावजूद अब तक रिपोर्ट नहीं दर्ज होने पर सोमवार को सीएमओ को पत्र भेजकर कार्रवाई का अल्टीमेटम दिया है। प्रभारी अधिकारी ने रिपोर्ट दर्ज कराकर कार्रवाई से अवगत कराने का आदेश सीएमओ को दिया है। कहा जा रहा है कि प्रभारी अधिकारी के आदेश के बावजूूद पांच दिनों बाद भी रिपोर्ट नहीं दर्ज होने पर शासन ने भी इस पर जवाब तलब किया है। कल ही मुख्यमंत्री ने अधिक पैसे लेकर इलाज करने वाले अस्पतालों को सीज करने का आदेश दिया है।

क्या कहते हैं सीएमओ

सीएमओ संजय भटनागर से जब अब तक रिपोर्ट नहीं दर्ज कराने के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि अस्पतालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की प्रक्रिया होती है, जिसका पालन किया जा रहा है। मैंने 14 मई को मैक्वेल, देविना और जेपी अस्पतालों के संंबंधित सेक्टर आफीसर को पत्र भेजकर उनका जवाब लेने को कहा है। अब तक जवाब नहीं मिले हैं। इसी वजह से अस्पतालों के खिलाफ रिपोर्ट नही दर्ज कराई गई है। प्रभारी अधिकारी के पत्र के बारे में उनका कहना था कि अब तक मुझे किसी तरह का पत्र नहीं मिला है, इसलिए कोई टिप्पणी नहीं कर सकता।

अस्पतालों पर गंभीर आरोप : तीनों ही अस्पतालों पर मरीजों से वसूली के गंभीर आरोप हैं। आक्सीजन के नाम पर ही अस्पतालों ने लाखों रुपये वसूले। दवाइयों और दूसरे मदों में सरकार द्वारा जो धनराशि निर्धारित की गई है उससे कई गुना पैसे वसूले।

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