यूपी में किसानों को तकनीक सिखाने के लिए सेवा प्रदाता का इंतजार, विभाग तीन बार निकाल चुका है टेंडर
अन्नदाता को तकनीक के गुर सिखाकर उपज बढ़ाने व उनकी आय दोगुणा करने का कृषि विभाग लंबे समय से जतन कर रहा है। धरातल पर इसे साकार कराने का जिम्मा बीटीएम (ब्लाक टेक्नोलाजी मैनेजर) व एबीटीएम (असिस्टेंट ब्लाक टेक्नोलाजी मैनेजर) पर है दोनों के पद बड़ी संख्या में खाली हैं।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। अन्नदाता को तकनीक के गुर सिखाकर उपज बढ़ाने व उनकी आय दोगुणा करने का कृषि विभाग लंबे समय से जतन कर रहा है। धरातल पर इसे साकार कराने का जिम्मा बीटीएम (ब्लाक टेक्नोलाजी मैनेजर) व एबीटीएम (असिस्टेंट ब्लाक टेक्नोलाजी मैनेजर) पर है, प्रदेश में दोनों के पद बड़ी संख्या में खाली हैं। चयन के लिए योग्य अभ्यर्थी भी हैं लेकिन, सेवा प्रदाता एजेंसी तय नहीं हो पा रही है। केंद्र सरकार कृषि विभाग के तहत आत्मा (कृषि तकनीकी प्रबंध अभिकरण) योजना चला रही है।
इसके तहत हर विकासखंड स्तर पर परियोजना के माध्यम से एक बीटीएम व दो एबीटीएम के पद पर कर्मचारी तैनात किए गए। इनकी नियुक्ति सेवा प्रदाता के माध्यम करने के निर्देश हैं। इन कार्मिकों के माध्यम से कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं का प्रचार-प्रसार करना और खेती की तकनीकी जानकारी किसानों के दरवाजे पर दिलाना है, ताकि उत्पादन क्षमता बढ़ाकर किसानों की आय बढ़ाई जा सके। कृषि विभाग में डेढ़ वर्ष से जिलों में लगभग 100 से अधिक पद रिक्त हैं। इन रिक्त पदों पर योग्य युवाओं का चयन नहीं किया जा रहा है, क्योंकि जेम पोर्टल पर सेवा प्रदाता का चयन नहीं हो सका है।
ज्ञात हो कि एटीएम के लिए एमएससी कृषि व दो वर्ष का अनुभव और बीटीएम के लिए बीएससी कृषि होना जरूरी है। शासनादेश के मुताबिक वही संस्था रिक्त पदों पर चयन कर सकती है जो जेम पोर्टल की ओर से अनुबंधित हों। एक साल में तीन बार अधिकारी टेंडर जारी करा चुके हैं, लेकिन सेवा प्रदाता का चयन नहीं हो पा रहा। कृषि विभाग के उप निदेशक एके श्रीवास्तव ने बताया कि जेम पोर्टल पर नए सेवा प्रदाता के चयन के लिए तेजी से कार्य चल रहा है, जल्द ही यह समस्या दूर होगी।