गिरफ्तार मानव तस्करों को भेजा जेल, सरगना की तलाश

जारी भी कराएं - असम की नाबालिग लड़कियों को बेचने और वेश्यावृत्ति में झोंकने का मामला

By JagranEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 08:12 PM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 08:12 PM (IST)
गिरफ्तार मानव तस्करों को भेजा जेल, सरगना की तलाश
गिरफ्तार मानव तस्करों को भेजा जेल, सरगना की तलाश

जारी भी कराएं :

- असम की नाबालिग लड़कियों को बेचने और वेश्यावृत्ति में झोंकने का मामला

- कई राज्यों में फैला था गिरोह का नेटवर्क, दबिश में लगाई गई पुलिस की कई टीमें

जागरण संवाददाता, लखनऊ: गोमतीनगर पुलिस द्वारा गुरुवार देर रात मानव तस्करी में पकड़े गए गिरोह के लोगों का नेटवर्क देश के कई राज्यों में फैला है। पुलिस ने मामले में गिरफ्तार दो महिलाओं समेत पांच लोगों को शुक्रवार को जेल भेज दिया। अब गिरोह के सरगना कुलदीप निवासी दिल्ली की तलाश में पुलिस की टीमें दबिश दे रही हैं। पुलिस गिरफ्तार आरोपितों के पास से बरामद मोबाइल से उनका नेटवर्क खंगाल रही है।

13 से 16 साल की लड़कियों की करते थे तस्करी, ट्रेन से पहले आती थीं दिल्ली: एडीसीपी पूर्वी सैय्यद मुहम्मद कासिब आब्दी ने बताया कि गिरोह के गिरफ्तार सदस्य सनी गुप्ता, फैजुद्दीन व उसकी पत्नी के अलावा एक अन्य महिला और बरेली का राहुल पकड़े जा चुके हैं। सरगना कुलदीप की तलाश में पुलिस की टीमें दबिश दे रही हैं। कुलदीप फैजुद्दीन के माध्यम से ही लड़कियों को असम मंगाता था। लड़कियां ट्रेन से दिल्ली पहुंचती थीं। ये लोग 13 से 16 साल की लड़कियों को टारगेट करते थे। वहां उन्हें होटलों में रोका जाता था। फिर ग्राहकों को फोटो भेजकर उनसे रेट तय किए जाते थे। 50 हजार रुपये से एक लाख में लड़कियों को बेचा जाता था। लड़कियों को यूपी के अलावा दिल्ली, पंजाब, छत्तीसगढ़़, राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा और कई अन्य राज्यों में बेचा जाता था।

रहना-खाना फ्री, 10-15 हजार रुपये परिवारीजनों को भेजने का करते थे दावा: एसीपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव ने बताया कि गिरोह का सदस्य फैजुद्दीन असम का रहने वाला है। बरामद दोनों लड़कियां असम की रहने वाली हैं। फैजुद्दीन वहां के गरीब परिवारों में जाता था और लड़कियों के परिवारीजनों को गुमराह करता था। लड़कियों को दिल्ली, यूपी समेत अन्य प्रांतों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर अपने साथ ले आता था। परिवारीजनों को बताता था कि सभी को नौकरी के साथ रहना और खाना फ्री मिलेगा। इसके अलावा 10-15 हजार रुपये हर माह घर भी भेजे जाएंगे। गरीबी से लाचार घर वाले लालच में आकर लड़कियों को भेज देते थे।

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