Vivek Tiwari Murder Case: विवेचक का नहीं दर्ज हो सका बयान, पीड़ित परिवार-हत्यारोपितों को सजा दिलाने तक लड़ेंगे
Vivek Tiwari Murder Case विवेक तिवारी के परिवार ने कहा हत्यारोपित पुलिसकर्मियों को सजा दिलाने तक लड़ेंगे लड़ाई। 28 सितंबर की देर रात में एपल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की हुई थी हत्या। गोमतीनगर थाने में तैनात आरक्षी प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार ने उन्हें रोका था।
लखनऊ, जेएनएन। Vivek Tiwari Murder Case: बहुचर्चित विवेक तिवारी हत्याकांड के दो साल पूरे हो गए। पीड़ित परिवार अभी भी न्याय के इंतजार में है। मामले की सुनवाई न्यायालय में लंबित है। अधिकांश लोगों के बयान दर्ज हो चुके हैं।
हालांकि, अभी तक विवेचक का बयान नहीं हो सका है। विवेक के परिवारजन का कहना है कि हत्यारोपित पुलिसकर्मियों को सजा दिलाने तक उनकी लड़ाई जारी रहेगी। फिलहाल दोनों आरोपित जेल में हैं। विवेक तिवारी के साले विष्णु ने बताया कि मार्च 2020 तक कोर्ट में सुनवाई जारी थी। हालांकि कोविड के कारण कोर्ट भी बंद था, जिससे देरी हुई। अभी तक प्रकरण से जुड़े अधिकांश लोगों के बयान हो चुके हैं। एकमात्र चश्मदीद सना के बयान भी लिए जा चुके हैं।
हालांकि, विवेचक विकास पांडेय और एक डॉक्टर का बयान अभी कोर्ट में होना है। मामले की सुनवाई होने तक पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने की बात कही गई थी, लेकिन वर्तमान में कोई सुरक्षाकर्मी नहीं दिया गया है।
ये है मामला
28 सितंबर की देर रात में एपल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी ड्यूटी खत्म कर पूर्व सहकर्मी सना को उनके घर छोड़ने जा रहे थे। इस दौरान गोमतीनगर थाने में तैनात आरक्षी प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार ने उन्हें रोका था। आरोप है कि प्रशांत चौधरी ने सरकारी पिस्टल से विवेक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना के वक्त गाड़ी में सना खान मौजूद थी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर एसआइटी का गठन हुआ था। तत्कालीन आइजी रेंज सुजीत पांडेय के नेतृत्व में एसआइटी ने जांच की थी, जिसके बाद प्रशांत के खिलाफ विवेचक ने चार्जशीट फाइल की थी। विवेक की पत्नी सिपाही है, जो उसकी पैरवी करती है।