रायबरेली में कोषागार के बड़े बाबू का चपरासी से पैर दबवाते वीडियो वायरल, डीएम ने दिए जांच के आदेश
जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल एसडीएम न्यायिक जीतलाल सैनी को जांच सौंपी। अतिशीघ्र रिपोर्ट देने के लिए कहा है। बडे बाबू का कहना है कि कलेक्ट्रेट आते वक्त उनकी बाइक फिसल गई थी जिससे पैर में मोच आ गई थी।
रायबरेली, जागरण संवाददाता। कलेक्ट्रेट परिसर में डीएम आफिस के ठीक बगल स्थित कोषागार में बड़े बाबू का चपरासी से पैर दबवाते वीडियो वायरल हो गया। इसपर लोग तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं। इससे काफी किरकिरी हो रही है। डीएम ने मामले का संज्ञान लिया और एसडीएम न्यायिक को प्रकरण की जांच सौंपी है। ये प्रकरण रविवार का है। ट्रेजरी में तैनात बड़े बाबू विनोद शंकर वर्मा छुट्टी के दिन भी आफिस पहुंचे। वीडियो में साफ दिख रहा है कि वे कुर्सी पर बैठे हैं और चपरासी मेज के नीचे उनके पैर दबा रहा है। शायद इसी दौरान कुछ लोगों ने वीडियो बना लिया, जिसे सोमवार को वायरल किया गया। इसके पहले इंटरनेट मीडिया के दूसरे प्लेटफार्म पर इस घटना के संबंध में टेक्स्ट मैसेज लिखे गए थे। कलेक्ट्रेट परिसर के भीतर इस तरह के बर्ताव की बात जब सार्वजनिक हुई तो अफसर भी हरकत में आ गए।
जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल एसडीएम न्यायिक जीतलाल सैनी को जांच सौंपी। अतिशीघ्र रिपोर्ट देने के लिए कहा है। इस संबंध में बडे बाबू विनोद शंकर वर्मा का कहना है कि कलेक्ट्रेट आते वक्त डिग्री कालेज चौराहे के पास उनकी बाइक फिसल गई थी, जिससे पैर में मोच आ गई थी। वे किसी तरह आफिस आए। साथी कर्मचारियों ने दर्द निवारक ट्यूब मंगवाई, वही चपरासी लगा रहा था, जिसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया गया। किसी तरह से दबाव बनाकर सेवा कराए जाने का आरोप निराधार है। वर्मा का कहना है कि कतिपय लोग निजी खुन्नस निकालने के लिए इस तरह वीडियो वायरल कर मामले को बेवजह तूल दे रहे हैं। इस बारे में जानकारी उच्चाधिकारियों को भी दी जा रही है।
'वीडियो संज्ञान में आया है। प्रकरण की जांच एसडीएम न्यायिक से कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।' वैभव श्रीवास्तव, जिलाधिकारी