यूपी के माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की होगी जांच, हर जिले में गठित होगी पांच सदस्यीय कमेटी

उत्तर प्रदेश के राजकीय और अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच की जाएगी। यह जांच पांच सदस्यीय कमेटी करेगी।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 11:40 PM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 11:40 PM (IST)
यूपी के माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की होगी जांच, हर जिले में गठित होगी पांच सदस्यीय कमेटी
यूपी के माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की होगी जांच, हर जिले में गठित होगी पांच सदस्यीय कमेटी

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के राजकीय और अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच की जाएगी। अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने सभी जिलाधिकारियों को अभी तक नियुक्त हुए शिक्षकों की जांच पांच सदस्यीय कमेटी के जरिए कराने के निर्देश दिए हैं। कमेटी में जिलाधिकारी द्वारा नामित अपर जिलाधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, राजकीय इंटर कॉलेज के एक प्रधानाचार्य, प्रतिष्ठित अशासकीय सहायता प्राप्त स्कूल के प्रधानाचार्य और मंडलीय उप शिक्षा निदेशक शामिल होंगे।

बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की कई जिलों की शाखाओं में फर्जी ढंग से शिक्षिका अनामिका भर्ती हो गई थी। यह मामला सामने आने के बाद उच्च शिक्षा विभाग पहले ही शिक्षकों की जांच के आदेश दे चुका है। अब माध्यमिक शिक्षा विभाग ने भी जांच करने का निर्णय लिया है। इसके तहत प्रत्येक जिले में शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच के लिए जो कमेटी गठित की जाएगी, उसमें जिलाधिकारी द्वारा नामित अपर जिलाधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, राजकीय इंटर कॉलेज के एक प्रधानाचार्य, प्रतिष्ठित अशासकीय सहायता प्राप्त स्कूल के प्रधानाचार्य और मंडलीय उप शिक्षा निदेशक शामिल होंगे।

मंडलीय उप शिक्षा निदेशक अपने मंडल के जिलों में इस कमेटी के नोडल अधिकारी होंगे। सभी प्रमाणपत्रों की जांच कर कमेटी फर्जी शिक्षकों को चिन्हित करेगी। ऐसे शिक्षकों का तत्काल वेतन रोका जाएगा और उनकी सेवाएं समाप्त की जाएंगी। सभी जिलों की कमेटियां अपनी जांच रिपोर्ट 31 जुलाई तक शासन को भेजेंगी।

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