उप्र संगीत नाटक अकादमी में शुरू हुआ अभिलेखागार रिकॉर्डिंग कार्यक्रम, संगीत प्रेमियों ने ऑनलाइन देखा

संगीत से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसी सृजनात्मक एवं संगीतात्मक ऊर्जा के संचार के लिए उप्र संगीत नाटक अकादमी की ओर से गुरुवार को वेबिनार एवं अभिलेखागार रिकॉर्डिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वेबिनार को करीब छह हजार संगीत प्रेमियों आनलाइन देखा।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Fri, 21 May 2021 10:31 AM (IST) Updated:Fri, 21 May 2021 10:31 AM (IST)
उप्र संगीत नाटक अकादमी में शुरू हुआ अभिलेखागार रिकॉर्डिंग कार्यक्रम, संगीत प्रेमियों ने ऑनलाइन देखा
उप्र संगीत नाटक अकादमी की ओर से अायोजित हुआ वेबिनार एवं अभिलेखागार रिकॉर्डिंग।

लखनऊ, जेएनएन। संगीत से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसी सृजनात्मक एवं संगीतात्मक ऊर्जा के संचार के लिए उप्र संगीत नाटक अकादमी की ओर से गुरुवार को वेबिनार एवं अभिलेखागार रिकॉर्डिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वेबिनार को करीब छह हजार संगीत प्रेमियों आनलाइन देखा।

संगीत दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित वेबिनार का विषय तबला वादन में घरानों का प्रयोगात्मक सौन्दर्य था। वेबिनार में तबला विशेषज्ञ के रूप में वाराणसी से प्रो. प्रवीण उद्धव, लखनऊ से पं रविनाथ मिश्रा, लखनऊ से ही उस्ताद इलमास हुसैन और चित्रकूट से डा. विवेक फडऩीस शामिल हुए।

वेबिनार की शुरुआत अकादमी के सचिव डा. दिनेशचन्द्र के उद्बोधन से हुई। प्रो. प्रवीण उद्धव ने फर्रूखाबाद घराने के प्रयोगात्मक सौन्दर्य के बारे में कायदा, रेला एवं गतों के वादन शैली का, पं रविनाथ मिश्रा ने वाराणसी घरानों के सौन्दर्य के बारे में उठान, कायदों के विस्तार का नियम एवं फर्दी गतों का, उस्ताद इलमास हुसैन जी ने लखनऊ घराने के सौन्दर्य के बारे में बताते हुए लौ का बाज एवं कायदों का एवं अन्त में चित्रकूट से डा. विवेक फडऩीस ने अजराड़ा घराने के आड़ लय के कायदों एवं रेले का विस्तृत वर्णन किया। वेबिनार का संचालन रेनू श्रीवास्तव तथा तकनीकी कार्य पवन कुमार ने गया।

संगीत से दूर होता तनाव: वरिष्ठ गायिका उमा त्रिगुणायत ने बताया कि संगीत के सुरों में छिपे राग तनाव के साथ ही विभिन्न रोगों से लडऩे में हमारी मदद करते हैं। चिकित्सा जगत में भी म्यूजिक थेरेपी को अपनाया जा रहा है। शास्त्रीय संगीत मन को शांति देता है। राग मालकौस तनाव से निजात में सहायक है। राग भैरवी से ब्लड प्रेशर और पूरे तंत्रिका तंत्र को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। ऐसे ही तमाम अन्य रागों के चमत्कारी असर होते हैं। कोरोना काल में तो संगीत का साथ नकारात्मकता से उबरने में और भी ज्यादा सहयोगी सिद्ध हो रहा है।

chat bot
आपका साथी