उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण विधेयक 2021 विधान परिषद में अटका, सपा के विरोध के चलते भेजा गया प्रवर समिति

यूपी की योगी सरकार ने विधान सभा से तो उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण (संशोधन) विधेयक 2021 को पारित करा लिया लेकिन विधान परिषद में यह विधेयक अटक गया। विधान परिषद में मंगलवार को समाजवादी पार्टी के भारी विरोध के चलते विधेयक को प्रवर समिति को भेजा गया है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 05:58 PM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 10:58 PM (IST)
उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण विधेयक 2021 विधान परिषद में अटका, सपा के विरोध के चलते भेजा गया प्रवर समिति
उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण विधेयक 2021 विधान परिषद से पास नहीं हो सका है।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने विधान सभा से तो उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण (संशोधन) विधेयक 2021 को पारित करा लिया, लेकिन विधान परिषद में यह विधेयक अटक गया। विधान परिषद में मंगलवार को समाजवादी पार्टी के भारी विरोध के चलते विधेयक को प्रवर समिति को भेजा गया है।

बता दें कि सोमवार को विधान सभा दो नए विधेयकों को पारित किया गया था। पारित विधेयकों में उत्तर प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति विरूपण निवारण विधेयक-2021 तथा उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण (संशोधन) विधेयक- 2021 शामिल थे। दोनों विधयकों को विपक्ष के विरोध के बावजूद बहुमत से पारित कराया गया। इसमें से उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण संशोधन विधेयक 2021 केवल लखनऊ व नोएडा में ही लागू हो सकेगा। इसके तहत डीसीपी स्तर का अधिकारी गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई कर सकेगा। पहले यह अधिकार पुलिस कमिश्नर के पास था।

उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण (संशोधन) विधेयक 2021 में मानव तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग, गोहत्या, बंधुआ मजदूरी और पशु तस्करी पर कड़ाई से रोक लगाने का प्रावधान है। इसके अलावा जाली नोट, नकली दवाओं का व्यापार, अवैध हथियारों का निर्माण और व्यापार, अवैध खनन जैसे अपराधों पर गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई का प्रावधान है। गुंडा एक्ट में पकड़े गए अपराधियों की आसानी से जमानत नहीं हो पाएगी। इसके अलावा अपराधियों की संपत्ति भी जब्त की जाएगी। नए प्रावधान के तहत पुलिस अपराधियों को 14 दिन के बजाए अधिकतम 60 दिन के लिए बंद कर सकती है।

उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण (संशोधन) विधेयक 2021 के अलावा योगी सरकार ने एक और महत्वपूर्ण विधेयक पास करवाया है। अब धरना प्रदर्शन के दौरान सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों से जुर्माना वसूलने का रास्ता साफ कर दिया गया है। विधानसभा में सोमवार को उत्तर प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति विरूपण निवारण विधेयक-2021 पास हो गया। हालांकि मुख्य विपक्षी दाल समाजवादी पार्टी ने विधेयक को प्रवर समिति को भेजने की मांग की थी। धरना प्रदर्शन के दौरान उग्र प्रदर्शन में सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाने की पुष्टि होने पर 5000 से एक लाख रुपये तक जुर्माना भरना पड़ेगा।

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