UP Diwas 2021: लखनऊ के अवध शिल्प ग्राम में सांस्कृतिक कार्यक्रम में दिखी प्रदेश की गौरवशाली विरासत
UP Diwas 2021 अवध शिल्प ग्राम में यूपी दिवस कार्यक्रम का आयोजन प्रदेश के कोने-कोने से आएं कलाकारों ने उत्तर प्रदेश की गौरशाली विरासत को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिये बयां किया। राजस्थानी लोक नृत्य कालबेलिया ने सबका मन मोहा तो प्रदर्शनी में प्रदेश के प्रसिद्ध मंदिरों की विरासत की झलक।
लखनऊ [अंकित शुक्ला]। UP Diwas 2021: उत्तर प्रदेश आज (रविवार) अपना 71 वां स्थापना दिवस मना रहा है। इस अवसर पर अवध शिल्प ग्राम में यूपी दिवस कार्यक्रम का आयोजन हुआ। 24 से 26 जनवरी तक चलने वाले इस कार्यक्रम में प्रदेश के कोने-कोने से आएं कलाकारों ने प्रदेश की गौरशाली विरासत को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिये बयां किया। सुलतानपुर रोड़ से शहीद पथ स्थित अवध शिल्प ग्राम तक जगह-जगह रास्ते पर बने मंचो पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश के सभी अलग-अलग रंग दिखाई दिए। वहीं, अवध शिल्पग्राम के मुख्य पंडाल से लेकर पूरे परिसर को बुदेशखंड, पीलीभीत व मथुरा से आए कलाकारों के मयूर नृत्य, घोड़ी नृत्य व ढोल-नगाड़ों ने माहौल को और खुशनुमा बना दिया।
साल भर रहता है स्थापना दिवस का इंतजार: उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस पर श्रावस्ती के देवीपाटन मंडल से आएं कलाकार सुरेद्र कुमार, मनीता देवी, काजल, राधा व शुशीला के मुताबिक, हम सभी को साल भर प्रदेश के स्थापना दिवस कार्यक्रम का इंतजार रहता है। हम सभी थारू जनजाति लोक नृत्य की सांस्कृतिक प्रस्तुति करते है।
कर्मा व शीला नृत्य की अपनी अलग पहचान: सोनभद्र से आए हुए कलाकार कर्मा नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दे रहे थे। आदिवासी कलाकारों के इस ग्रुप में 17 सदस्य थे। ग्रुप लीडर गजाधर कहते है कि हम अपनी संस्कृति में नाचते व गाते हैं। उन्होंने बताया कि वह नृत्य के माध्यम से देवताओं की आराधना करते है।
राजस्थानी लोक नृत्य कालबेलिया ने सबका मन मोहा: शेर नाथ कालबेलिया नृत्य ग्रुप के कलाकारों (शिवराम, श्यामनाथ, दिलीप नाथ, निहाल सिंह, कच्ची घोड़ी व लांग मैन) की अदभुत प्रस्तुति ने सबका मन मोहा। वहीं, ढोल के साथ पूरे परिसर में घूम-घूमकर प्रस्तुति दी। जिसे देखकर ही दर्शकों में जोश भर गया।
मंच पर गौरवशाली इतिहास: सांस्कृतिक विभाग से कार्यक्रम अधिशासी कमलेश पाठक के मुताबिक, बुंदेलखंड से राई लोकनृत्य, बांदा से दीवारी नृत्य, मथुरा से मयूर नृत्य, चरकुला नृत्य, बम रसिया लोक नृत्य, गाजीपुर से धोबिया लोकनृत्य, श्रीवास्ती व पीलीभीत से थारू जनजाति लोकनृत्य के कलाकार कार्यक्रम प्रस्तुति दे रहे है। वहीं, पूरे कार्यक्रम को महिला सशक्तिकरण के माध्यम से मंच पर गिरिजा देवी, महादेवी वर्मा, उदादेवी, लक्ष्मीबाई के गौरवशाली इतिहास को दिखाया गया। परिसर में देव दीपावली के सेल्फी प्वाइंट के साथ ही दीपोत्सव का सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया था। जहां पर दर्शक ने खूब सेल्फी ली।
प्रदर्शनी में प्रदेश के प्रसिद्ध मंदिरों की विरासत की झलक: कार्यक्रम में पर्यटन विभाग की प्रदर्शनी में अयोध्या, चित्रकूट, काशी विश्वनाथ, गोरखनाथ मंदिर की विरासत को एलईडी टीवी के द्वारा चलचित्र के माध्यम से दिखाया गया। इसके साथ ही पर्यटन विभाग की ओर से प्रदेश के 25 जिलों का साहित्य रखा गया। क्षेत्रिय पर्यटन अधिकारी अनुपम श्रीवास्तव बताते है कि यूपी दिवस पर हम प्रदर्शनी में लाइव वीडियो भी चला रहे हैं, जिससे यहां आने वाले लोगों को काफी जानकारी हो रही है।