उत्‍तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग अध्‍यक्ष बोले- बिजली दर घटाने, सरचार्ज न लगाने और स्लैब यथावत रखने पर आदेश जल्‍द

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही बिजली की दर न बढ़ाए जाने की घोषणा कर रखी है लेकिन इस संबंध में आदेश नियामक आयोग को ही करना है। आयोग ने आदेश करने से पहले सोमवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये अपनी राज्य सलाहकार समिति की बैठक की।

By Mahendra PandeyEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 09:28 AM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 09:28 AM (IST)
उत्‍तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग अध्‍यक्ष बोले- बिजली दर घटाने, सरचार्ज न लगाने और स्लैब यथावत रखने पर आदेश जल्‍द
राज्य सलाहकार समिति की बैठक में किया गया विचार विमर्श।

लखनऊ [राज्‍य ब्‍यूरो]। कोविड-19 से परेशान प्रदेशवासियों को ज्यादा से ज्यादा राहत देने के लिए बिजली दर घटाने, रेग्युलेटरी सरचार्ज न लगाए जाने और स्लैब परिवर्तन का प्रस्ताव रद कर उन्हें यथावत बनाए रखने की मांग उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग से की गई है। हालांकि, वित्तीय संकट से जूझ रहीं बिजली कंपनियां इन मांगों के विरोध में हैं। राज्य सलाहकार समिति की सोमवार को हुई बैठक में सदस्यों का पक्ष सुनने के बाद आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जल्द ही बिजली की दरों के संबंध में आदेश किया जाएगा।

वैसे तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही बिजली की दर न बढ़ाए जाने की घोषणा कर रखी है, लेकिन इस संबंध में आदेश नियामक आयोग को ही करना है। आयोग ने आदेश करने से पहले सोमवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये अपनी राज्य सलाहकार समिति की बैठक की। आयोग के साथ ही समिति के अध्यक्ष आरपी सिंह द्वारा बिजली कंपनियों के वित्तीय वर्ष 2021-22 के एआरआर (वार्षिक राजस्व आवश्यकता), ट्रू-अप, स्लैब परिवर्तन, रेग्युलेटरी असेट आदि के संबंध में किए गए प्रस्तुतीकरण पर सदस्यों ने राय रखी। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने एआरआर पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं के लगभग 19,537 करोड़ रुपये निकलने के एवज में बिजली दरें घटाने को उनके टैरिफ प्रस्ताव को लागू किया जाए। महंगी बिजली खरीदने पर आपत्ति उठाते हुए वर्मा ने स्लैब परिवर्तन के प्रस्ताव को भी खारिज करने की बात कही। वर्मा ने रेग्युलेटरी असेट के मुददे पर कहा कि कंपनियों द्वारा इसके गलत आकलन पर आयोग उनके खिलाफ कड़े कदम उठाए और सरचार्ज का प्रस्ताव रद किया जाए।

सीआइआइ वेस्टर्न रीजन के चेयरमैन सीपी गुप्ता व डीजी आफ स्कूल मैनेजमेंट के डा.भरत राज सिंह सहित कई अन्य सदस्यों ने भी वर्मा की बातों का समर्थन किया। गुप्ता ने उद्योगों की दरें घटाने के साथ ही ओपेन एक्सेस का मुददा उठाया। स्मार्ट ग्रिड फोरम के चेयरमैन रजई पिल्लई ने भी उपभोक्ताओं को राहत देने के साथ ही आधुनिक तकनीक को बढ़ावा देने की बात कही। मेट्रो रेल कारपोरेशन के एमडी ने मेट्रो की दरें कम करने के लिए क्रास सब्सिडी घटाने की मांग की। एनपीसीएल को पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के अधीन करने, एसएलडीसी को स्वतंत्र दर्जा देने की भी उपभोक्ता परिषद ने मांग उठाई। परिषद अध्यक्ष ने बैठक में ऊर्जा विभाग के प्रतिनिधियों के न शामिल होने और श्रेणी परिवर्तन के लिए शासन में आयोग की बैठक बुलाए जाने पर आपत्ति जताई। बिजली कंपनियों के अफसरों ने आयोग से विचारोपरांत निर्णय करने की मांग की।

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