यूपी के बेसिक स्कूलों में अब आनलाइन पढ़ाई के साथ मोहल्ला कक्षाएं, सार्वजनिक स्थानों पर होगी क्लास

उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों की जगह अन्य सार्वजनिक स्थानों पर अब मोहल्ला कक्षाएं भी चलेंगी। वहां छात्र-छात्राओं को नियमित बुलाया जाएगा और कोविड-19 प्रोटोकाल का अनुपालन करते हुए पढ़ाई कराई जाएगी। ये पहल प्रेरणा साथी के माध्यम से शिक्षक करेंगे। वहीं विद्यार्थियों की आनलाइन पढ़ाई भी जारी रहेगी।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Tue, 06 Jul 2021 06:00 AM (IST) Updated:Tue, 06 Jul 2021 06:00 AM (IST)
यूपी के बेसिक स्कूलों में अब आनलाइन पढ़ाई के साथ मोहल्ला कक्षाएं, सार्वजनिक स्थानों पर होगी क्लास
मिशन ई-पाठशाला के तहत उत्तर प्रदेश के बेसिक स्कूलों में अब आनलाइन पढ़ाई के साथ मोहल्ला कक्षाएं संचालित होंगी।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों की जगह अन्य सार्वजनिक स्थानों पर अब मोहल्ला कक्षाएं भी चलेंगी। वहां छात्र-छात्राओं को नियमित बुलाया जाएगा और कोविड-19 प्रोटोकाल का अनुपालन करते हुए पढ़ाई कराई जाएगी। इसमें विद्यालय के प्रधानाध्यापक, प्रबंध समिति के सदस्य व अभिभावकों का विशेष सहयोग लिया जाएगा। ये पहल प्रेरणा साथी के माध्यम से शिक्षक करेंगे। वहीं, विद्यार्थियों की आनलाइन पढ़ाई भी जारी रहेगी।

बेसिक शिक्षा परिषद के उत्तर प्रदेश में डेढ़ लाख प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। कोरोना संक्रमण की पहली व दूसरी लहर में प्राथमिक स्कूल बंद रहे। छात्र-छात्राओं की आनलाइन कक्षाएं चलती रही हैं। स्कूल बंद होने से शिक्षक व विद्यार्थियों का जुड़ाव नहीं हो रहा था। इसीलिए पहले प्रेरणा साथी का चयन किया गया जो स्वेच्छा से बच्चों को पढ़ाई के लिए अपना स्मार्ट फोन मुहैया कराए। स्कूलों में प्रेरणा साथी का चयन होने के बाद आनलाइन पढ़ाई में तेजी आई है, क्योंकि अधिकांश बच्चों के अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन नहीं था। समग्र शिक्षा का राज्य परियोजना निदेशालय मिशन प्रेरणा की ई-पाठशाला को प्रभावी बना रहा है। इसीलिए अब मोहल्ला कक्षाएं शुरू कराई जा रही हैं।

महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद का निर्देश है कि प्रधानाध्यापक, विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्य व अभिभावक मिलकर मोहल्ला कक्षाओं के संचालन के लिए सार्वजनिक स्थान का चयन करें। इसमें पंचायत भवन, ग्राम सचिवालय, खेल का मैदान आदि हो सकते हैं। वहां बच्चों को दूर-दूर बैठाकर पठन-पाठन कराया जाए। राज्य स्तर से मिली शैक्षणिक सामग्री बच्चों, अभिभावक व प्रेरणा साथी के साथ साझा की जाए।

विद्यालय के सभी शिक्षक गांव में शिक्षण कार्य के बाद विद्यालय आकर प्रतिदिन के कार्य, समस्या व अगले दिन के लिए कार्य योजना बनाएंगे। विभाग की ओर से उपलब्ध कराई गई ई-लर्निंग सामग्री, पोस्टर्स व दूरदर्शन पर प्रसारित शैक्षणिक सामग्री व वीडियो के साथ बच्चों की पाठ्य पुस्तकों व कार्य पुस्तिकाओं को शिक्षण कार्य में सम्मिलित किया जाएगा।

न आने वालों की होगी काउंसिलिंग : निर्देश दिया गया है कि जो अभिभावक बच्चों को मोहल्ला कक्षाओं में नहीं भेज रहे हैं या वे अनियमित रूप से आ रहे हैं, ऐसे परिवारों को चिन्हित किया जाए और होम विजिट के माध्यम से उनकी काउंसिलिंग करते हुए बच्चों की प्रतिभागिता सुनिश्चित की जाए।

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