शेयर बाजार में भी उत्तर प्रदेश का बना बड़ी ताकत, बाम्बे स्टाक एक्सचेंज में 53 लाख निवेशक पंजीकृत

शेयर बाजार में उत्तर प्रदेश के निवेशकों का दखल बढ़ा है। बाम्बे स्टाक एक्सचेंज (बीएसई) में यूपी के 50 लाख से अधिक निवेशक कारोबार कर रहे हैं। बीएसई में पंजीकृत निवेशकों के आधार पर उत्तर प्रदेश देश के सबसे चर्चित शेयर बाजार में तीसरी बड़ी ताकत बन गया है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 12:44 AM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 12:45 AM (IST)
शेयर बाजार में भी उत्तर प्रदेश का बना बड़ी ताकत, बाम्बे स्टाक एक्सचेंज में 53 लाख निवेशक पंजीकृत
बीएसई में पंजीकृत निवेशकों के आधार पर उत्तर प्रदेश शेयर बाजार में तीसरी बड़ी ताकत बन गया है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश निवेशकों के लिए तो आकर्षक गंतव्य बना ही है, शेयर बाजार में भी सूबे के निवेशकों का दखल बढ़ा है। बाम्बे स्टाक एक्सचेंज (बीएसई) में यूपी के 50 लाख से अधिक निवेशक कारोबार कर रहे हैं। बीएसई में पंजीकृत निवेशकों के आधार पर उत्तर प्रदेश देश के सबसे चर्चित शेयर बाजार में तीसरी बड़ी ताकत बन गया है। प्रदेश के 53 लाख निवेशक बीएसई में पंजीकृत हैं।

यह नया बदलाव है। बीते दो वर्षों के दौरान बड़ी संख्या में यूपी से संबंधित निवेशक बीएसई से जुड़े हैं। पंजीकृत निवेशकों की संख्या के आधार पर अब महाराष्ट्र और गुजरात के बाद उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर है। बीते जून तक बाम्बे स्टाक एक्सचेंज में रजिस्टर्ड क्लाइंट कोड के आधार पर सात करोड़ निवेशक पंजीकृत थे। इनमें से डेढ़ करोड़ से ज्यादा (21 फीसद) महाराष्ट्र के थे। इसके बाद गुजरात का नंबर है जहां के 86 लाख निवेशक बीएसई में पंजीकृत हैं।

बाम्बे स्टाक एक्सचेंज में उत्तर प्रदेश के 53 लाख, तमिलनाडु के 43 लाख और कर्नाटक के 42 लाख पंजीकृत निवेशक हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के 39.5 लाख, दिल्ली के 37.3 लाख, आंध्र प्रदेश के 36 लाख, राजस्थान के 34.6 लाख, मध्य प्रदेश के 25.5 लाख खाते थे। सेबी के दिशा-निर्देशों के अनुसार एक साल से अधिक समय के लिए उपयोग नहीं किये जाने वाले डीमैट खातों को असक्रिय माना जाता है।

फिलहाल यूपी से लगातार नए इन्वेस्टर अकाउंट शेयर बाजार में दर्ज हो रहे हैं। बाम्बे स्टाक एक्सचेंज के अधिकारियों के अनुसार ब्रोकरेज कंपनियों और शेयर बाजारों ने पिछले 18 महीनों के दौरान हर महीने 12 से 15 लाख नए डीमैट खाते खोले हैं। इनमें से चालीस फीसद डीमैट खाते बीएसई से जुड़ी ब्रोकरेज कंपनियों द्वारा खोले गए है।

साढ़े चार वर्ष पूर्व यह स्थिति नहीं थी। तब शेयर बाजार में यूपी के लोगों की सक्रियता ना के बराबर थी, क्योंकि कारोबारी सक्रियता राज्य में कम थी। वर्ष 2017 में सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को विकास की ओर तेजी से उन्मुख किया। उसके बाद से उत्तर प्रदेश अब तेजी से विकास के पथ पर दौड़ रहा है। आज उत्तर प्रदेश देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला प्रदेश बन गया है।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भी तेजी से छलांग लगाते हुए उत्तर प्रदेश आज दूसरे पायदान पर पहुंच चुका है। अब उत्तर प्रदेश एक ट्रिलियन इकोनॉमी वाला प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है। सकल घरेलू उत्पाद और प्रति व्यक्ति आय में भी काफी इजाफा हुआ है।

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