उत्तर प्रदेश में पीपीपी मॉडल पर विकसित होंगे 17 बस अड्डे, यात्रियों को मिलेंगी अत्याधुनिक सुविधाएं
UP Cabinet Decision उत्तर प्रदेश सरकार 17 बस अड्डों को पीपीपी मॉडल पर विकसित कराने जा रही है। इन बस अड्डों पर यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। सोमवार को योगी कैबिनेट ने इन बस अड्डों के विकास के लिए टेंडर प्रपत्र को मंजूरी दे दी है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश सरकार 17 बस अड्डों को निजी सार्वजनिक सहभागिता (पीपीपी) मॉडल पर विकसित कराने जा रही है। इन बस अड्डों पर यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। सोमवार को योगी कैबिनेट ने इन बस अड्डों के विकास के लिए टेंडर प्रपत्र को मंजूरी दे दी है।
ये बस अड्डे डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, आपरेट एंड ट्रांसफर माडल पर विकसित किए जाएंगे। यानी टेंडर लेने वाली फर्म को बस अड्डा न सिर्फ डिजाइन करना होगा बल्कि उसे बनवाने के लिए वित्तीय प्रबंध भी करना होगा। नियत वर्षों तक उसका संचालन करने के बाद यह प्रदेश सरकार को ट्रांसफर कर दिया जाएगा। इन बस अड्डों में वेटिंग एरिया, कैफेटेरिया, स्वच्छ पेयजल, साफ-सुथरे शौचालय व वाइफाइ की सुविधा दी जाएगी। बस अड्डों पर यात्रियों की सुख-सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा जाएगा।
जिन 17 बस अड्डों को पीपीपी माडल पर विकसित किया जाना है उनमें गाजियाबाद का साहिबाबाद व गाजियाबाद, वाराणसी कैंट, कौशांबी, गोरखपुर, अलीगढ़ का रसूलाबाद, मथुरा, लखनऊ का चारबाग, गोमतीनगर व अमौसी, प्रयागराज का सिविल लाइंस व जीरो रोड, कानपुर सेंट्रल, आगरा का आगरा फोर्ट, ईदगाह व ट्रांसपोर्ट नगर व मेरठ का सोहराब गेट हैं। अब जल्द ही इनके टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे।
बिजली कंपनियों को राहत देने को 6000 करोड़ : कोरोना काल में राजस्व की कम वसूली का शिकार हुईं बिजली कंपनियों को राहत देने के लिए सरकार ने इसकी भरपाई के तौर पर उन्हें 6000 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है ताकि वे बिजली खरीद कर सुचारु रूप से उसकी आपूर्ति कर सकें। सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय हुआ।