महिलाओं में गर्भाशय से संबंधित सर्जरी व पुरुषों में रोड साइड दाढ़ी बनवाना, UP में हेपेटाइटिस सी की बड़ी वजह; शोध में निकला तथ्य
प्रदेश में हेपेटाइटिस सी वायरस के संक्रमण का कारण जानने के लिए शोध हुआ जिसमें 25 से अधिक जिलों को हेपेटाइटिस सी से ग्रस्त 310 मरीजों पर शोध किया गया । 50.3 फीसदी पुरुष और 49.7 महिलाएं थी। लोगों को बचाव के लिए जागरूक करना होगा।
लखनऊ [कुमार संजय]। असुरक्षित सर्जरी, किसी भी डॉक्टर से दांत उखडवाना और सड़क पर बैठे नाई से दाढ़ी बनवाना लिवर को बीमार करने वाले हेपेटाइटिस सी के संक्रमण का सबसे बड़ा कारण इसके साथ टैटू बनवाना, संक्रमित खून चढना और नशे की सुई लेना भी कारण है। प्रदेश में हेपेटाइटिस सी वायरस के संक्रमण का कारण जानने के लिए शोध हुआ जिसमें 25 से अधिक जिलों को हेपेटाइटिस सी से ग्रस्त 310 मरीजों पर शोध किया गया। 50.3 फीसदी पुरुष और 49.7 महिलाएं थी। इसमें सबसे अधिक मरीज लखनऊ, सीतापुर उन्नाव जिलों से शामिल हुए शोध को हाल में ही जर्नल आफ फैमिली मेडिसिन एंड प्राइमरी केयर ने स्वीकार किया है। इसके साथ किस टाइप के जीनोम वाले सी वायरस से संक्रमित थे यह भी देखा गया। देखा गया कि सभी संक्रमित में एसजीओटी, एसजीपीटी, एल्कलाइन फॉस्फेट का स्तर बढा था। रिपोर्ट का कहना है कि लोगों को बचाव के लिए जागरूक करना होगा।
92.9 फीसदी- महिलाओं में मुख्य कारण पहले हुई सर्जरी जिसमें गर्भाश के कैंसर, यूटेराइन सेगमेंट सिजेरियन, ओवेरियन सिस्ट कैंसर, यूटेराइन प्रोलेप्स आदि सर्जरी शामिल हैं।
75.6 फीसदी - पुरुषों में मुख्य कारण रोड साइड शेविंग
मुख्य कारण महिला पुरुष
पहले सर्जरी - 49.0
दांत निकलवाना- 41
रोड साइड दाढ़ी - 38.1
एचसीवी जीनोम
जीनोटाइप 3- 81.6
3ए- 11.3
3बी-5.8
1-0.7
4-0.7
15 से 45 फीसदी- हेपेटाइटिस सी वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों में वायरस का संक्रमण अपने आप बिना किसी इलाज के खत्म हो जाता है।
15 से 30 फीसदी- लिवर सिरोसिस संक्रमण के 20 साल में हो सकता है
10 से 20 फीसदी- लिवर सिरोसिस हो सकता है
12 से 32 फीसदी- हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा की परेशानी हो सकती है
2.8 लाख- हर साल नए मरीज सामने आते है
60 लाख- भारत में हेपेटाइटिस सी लोग संक्रमित है
ऐसे हुआ शोध: किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के डा. अजय कुमार पटवा, डा. वीरेंद्र आतम, गैस्ट्रो मेडिसिन के डा. सुमित रूंगटा, लखनऊ विवि के जूलॉजी विभाग के डा. अमरदीप, डा. सुचित स्वरूप, डीडीयू गोरखपुर विवि के जूलॉजी विभाग के डा. सुशील कुमार ने तीन साल तक शोध किया। प्रीवियस हिस्ट्री ऑफ सर्जरी इन फीमेलस एंड रोड साइड सेङ्क्षवग इन मेलस आऱ द कॉमनेस्ट रिस्क फैक्टर फाऱ हेपेटाइटिस सी इंफेक्शन शीर्षक से हुए शोध को जर्नल आफ फैमिली मेडिसिन एंड प्राइमरी केयर ने स्वीकार किया है।