ठंड में कार के अंदर ब्लोअर का इस्तेमाल जरा संभल के, बरतें विशेष सावधानी
ब्लोअर चलाते समय वेंटीलेशन के लिए खोल दें थोड़ा शीशा। मिलती रहेगी आपको ऑक्सीजन भी और शीशे पर न होगी धुंध।
लखनऊ[सौरभ शुक्ला]। सर्दी आते ही लोग कारों में ब्लोअर का इस्तेमाल शुरू कर देते हैं। यह ब्लोअर आपके लिए जहां फायदेमंद है तो इसके नुकसान भी काफी हैं। यह कहना है इंडस्ट्रियल सेफ्टी एक्सपर्ट एसके तिवारी का।
कार में ब्लोअर का इस्तेमाल करते समय वेंटीलेशन के लिए खिड़की का शीशा जरा सा खोल दें, ताकि आपको बाहर की स्वच्छ हवा भी मिलती रहे। अधिक देर तक कार में ब्लोअर चालू रहने से कार के अंदर कार्बनडाई ऑक्साइड के साथ ही अत्यंत घातक कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस बनने लगती है। इसके संपर्क में आने से कार में बैठे व्यक्ति को उलझन और कई अन्य तरह की दिक्कतें होने लगती है। अगर व्यक्ति कार के अंदर अधिक देर तक ब्लोअर ऑन करके और शीशे बंद कर बैठा हो तो वह अचेत भी हो सकता है। रोड सेफ्टी एक्सपर्ट सैय्यद एहतेशाम बताते हैं कि ठंड में ब्लोअर चलाने से कार के अंदर का तापमान अधिक होता है। जबकि बाहर फॉग और ठंडी हवा के कारण तापमान कम होता है। ऐसी स्थिति में बाहर की ठंडी हवा जब शीशे से टकराती हो तो उस पर नमी आने लगती है। इससे आगे के शीशे आप वाइपर से साफ कर सकते हैं। साइड के कपड़े से पीछे के शीशे पर जमा हुई धुंध साफ करने में दिक्कतें होगी।
ब्लोअर व एसी ऑन कर बच्चों को कार में न छोड़ें अकेला
कार में ऐसी व ब्लोअर ऑन करके बच्चों को कतई अकेला न छोड़े। रोड सेफ्टी एक्सपर्ट सैय्यद एहतेशाम के मुताबिक अगर आप ऐसी स्थित में बच्चों को कार में छोड़कर आप कहीं जाते हैं तो कार की विंडो आटो लॉक हो सकती है। बच्चा कार में फंस सकता है। अगर उसने कार में छेड़छाड़ की तो वह हादसे का शिकार हो सकता है। कई बार इस कारण हादसे भी हो चुके हैं।
गैराज में कार चालू कर न बैठें अंदर
गैराज में कार चालू करके अंदर कतई नहीं बैठना चाहिए। गैराज का स्पेस कम होता है। उसके बाद आप स्टार्ट कार खड़ी कर उसमे बैठते हैं तो आपको घुटन होगी। क्योंकि कार से निकले वाला धुंआ और इंजन, एसी अथवा ब्लोअर ने निकलने वाली कई प्रकार की गैस मिलकर कार्बनमोनो ऑक्साइड और सल्फर डाई ऑक्साइड बनाती हैं। यह बहुत ही खतरनाक होती हैं।
कार्बन मोनो ऑक्साइड इस तरह करती है नुकसान
इंडस्ट्रियल सेफ्टी एक्सपर्ट एसके तिवारी के मुताबिक कार्बन मोनो ऑक्साइड हमारे शरीर में जब प्रवेश करती है तो वह सीधे खून का रक्त संचार बंद कर देती है। इसकी अधिकता के कारण हमारे शरीर की नशों में रक्त का संचार बंद हो जाता है और खून के थक्के जम जाते हैं। व्यक्ति अचेत हो जाता है। अगर उसे कुछ देर तक इलाज न मिला तो उसकी मौत भी हो सकती है।
बरतें विशेष सावधानी एसी अथवा ब्लोअर चलाते समय कार में री सर्कुलेशन मोड आन कर दें। एसी और ब्लोअर की एयर सीधे आपके चेहरे और नाक पर न पड़े। स्टार्ट गाड़ी में बच्चों को कतई छोड़कर न जाएं। अगर बच्चों को गाड़ी में छोड़ें तो शीशा आधा खोल दें। लंबे सफर पर आप एसी और हीटर लगातार न चलाएं। कुछ देर के लिए फ्रेश एयर मोड पर रखें।