नगर विकास मंत्री करेंगे सीताकुंड के सुंदरीकरण का शिलान्यास, जानिए यहां का पौराणिक महत्‍व

लखनऊ के मोहान रोड स्थित बुद्धेश्वर महादेव का मंदिर ऐसा मंदिर है जहां सोमवार के बजाय बुधवार को भगवान शिव की पूजा होती है। मंदिर परिसर में सीताकुंड बना है जिसके सुंदरीकरण का शनिवार को नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन शिलान्यास करेंगे।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 08:26 AM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 09:22 AM (IST)
नगर विकास मंत्री करेंगे सीताकुंड के सुंदरीकरण का शिलान्यास, जानिए यहां का पौराणिक महत्‍व
बुद्धेश्वर मंदिर में मौजूद है सीताकुंड, मां जानकी ने किया था स्नान।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखनऊ के मोहान रोड स्थित बुद्धेश्वर महादेव का मंदिर ऐसा मंदिर है जहां सोमवार के बजाय बुधवार को भगवान शिव की पूजा होती है। मंदिर परिसर में सीताकुंड बना है जिसके सुंदरीकरण का शनिवार को नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन शिलान्यास करेंगे।

पौराणिक महत्‍व: महंत लीलापुरी ने बताया कि पहला कथानक यह है कि अयोध्या से जब मां सीता का श्रीराम ने त्याग किया था। लक्ष्मण जी उन्हें वन में छोड़ने इसी रास्ते से गए थे। सीताजी ने यहीं पर स्नान किया था। मंदिर परिसर में सीताकुंड और रामायण काल के समय का वट वृक्ष भी मंदिर में स्थापित है। श्रावण मास में यहां बुधवार को ही पूजा होती है। उस समय लक्ष्मण जी परेशान थे कि मां समान भाभी को कैसे वन में छोड़े उसी समय उन्होंने ने शिव जी की स्थापना की। भगवान शिव की कृपा से ही उन्हें विश्वास हुआ की श्रीराम भगवान विष्णु और मां जानकी मां लक्ष्मी का अवतार हैं। इसका ज्ञान होने पर विचलित मन शांत हुआ और वह सीता जी को वन में खुशी से छोड़ आए। वह दिन बुधवार था।स्थापना के साथ ही लक्ष्मण के अंदर भगवान श्रीराम की लीला का एहसास हुआ था। विचलित मन एकाग्र हुआ और उनकी बुद्धि का विकास हुआ। उसी दिन से यहां भगवान शंकर ही बुधवार को पूजा होती है।

दूसरा कथानक यह कि भस्मासुर को किसी के ऊपर हाथ रखने पर भस्म होने का वरदान देने वाले भगवान शिव यहां आए थे और उनको भस्मासुर को मारने की बुद्धि यहां आई थी। इसलिए सिद्धपीठ को बुद्धेश्वर के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि आप कितना भी परेशान हों बाबा बुद्धेश्वर के दर्शन से आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।

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