यूपी के राज्य कर्मियों की तरह निकाय कर्मियों को भी मिलेगा पेंशन का तोहफा, नियमावली में संशोधन की तैयारी
उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल के बीच नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों के भी कर्मचारियों को राज्य कर्मचारियों की तरह पेंशन की सुविधा मिल सकती है। नगर विकास विभाग इसके लिए पेंशन नियमावली में संशोधन करने जा रहा है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल के बीच नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों के भी कर्मचारियों को राज्य कर्मचारियों की तरह पेंशन की सुविधा मिल सकती है। नगर विकास विभाग इसके लिए पेंशन नियमावली में संशोधन करने जा रहा है। नियमावली में 10 वर्ष के स्थान पर आजीवन पेंशन देने का प्रावधान किया जा सकता है।
दरअसल, राज्य कर्मचारियों को पेंशन के तौर पर बेसिक वेतन का 50 फीसद और डीए मिलता है। यह व्यवस्था नगरीय निकायों में लागू नहीं थीं। कर्मचारियों की लंबी लड़ाई के बाद इसे नगर निगमों में तो लागू कर दिया गया किंतु नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों में यह अभी भी लागू नहीं हो पाया।
निकाय कर्मचारी कई वर्षों से राज्य कर्मचारियों की भांति नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायत कर्मियों को भी पेंशन की सुविधा की मांग कर रहे हैं। अदालत तक लड़ाई लड़ने के बाद भी पूर्ववर्ती सरकारों ने उनकी मांगे नहीं मानी। चुनावी माहौल को देखते हुए मौजूदा सरकार ने नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों के कर्मचारियों की मांग पूरा करने की कवायद शुरू कर दी है। नियमावली में पेंशन के और भी बिंदुओं में भी संशोधन किया जा रहा है। अभी पेंशन के रूप में बेसिक का 41.5 फीसद धनराशि ही कर्मियों को मिलती है।
राज्य कर्मियों व नगर निगम के कर्मचारियों की भांति अब नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत कर्मियों को भी बेसिक वेतन का 50 फीसद राशि पेंशन के तौर पर मिलेगा। अब तक इन्हें इस मद में सिर्फ 41.5 फीसद राशि ही मिलती थी। इसी तरह इन्हें अब आजीवन पेंशन मिलेगी। इसके साथ ही कर्मचारियों को 10 साल की सेवा पूरी करने पर ही पेंशन का लाभ मिल सकेगा। अभी तक इनके लिए 20 साल तक सेवा करना अनिवार्य था।