UPPCL PF Scam : EOW ने 3 कर्मचारियों को बनाया सरकारी गवाह, ब्रोकर फर्म के 2 अफसरों से हुई पूछताछ

EOW ने गिरफ्तार किए गए तत्कालीन निदेशक (वित्त) सुधांशु द्विवेदी सचिव ट्रस्ट पीके गुप्ता व एमडी एपी मिश्र से पूछताछ के बाद सामने आए तथ्यों के आधार पर दस्तावेजों की पड़ताल की है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Mon, 18 Nov 2019 10:37 PM (IST) Updated:Tue, 19 Nov 2019 07:28 AM (IST)
UPPCL PF Scam : EOW ने 3 कर्मचारियों को बनाया सरकारी गवाह, ब्रोकर फर्म के 2 अफसरों से हुई पूछताछ
UPPCL PF Scam : EOW ने 3 कर्मचारियों को बनाया सरकारी गवाह, ब्रोकर फर्म के 2 अफसरों से हुई पूछताछ

लखनऊ, जेएनएन। बिजलीकर्मियों के भविष्य निधि घोटाले (UPPCL PF Scam) में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के कर्मचारियों ने भी कई अहम राज उगले हैं। प्रकरण की जांच तेजी से बढ़ा रही आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (EOW) पावर कारपोरेशन के तीन कर्मचारियों से पूछताछ के बाद उन्हें सरकारी गवाह बना लिया है। सूत्रों का कहना है कि ईओडब्ल्यू ने तीनों कर्मचारियों के कोर्ट में कलमबंद बयान दर्ज कराए हैं। इसके अलावा सोमवार को ब्रोकर फर्म एसएमसी के दो अधिकारियों से लंबी पूछताछ की गई। ईओडब्ल्यू ने शुरुआती जानकारियां जुटाने के बाद दोनों को छोड़ दिया। फर्जी ब्रोकर फर्मों के तीन अधिकारियों को पूछताछ के लिए मंगलवार को तलब किया गया है। 

ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार किए गए आरोपित तत्कालीन निदेशक (वित्त) सुधांशु द्विवेदी, सचिव ट्रस्ट पीके गुप्ता व एमडी एपी मिश्र से पूछताछ के बाद सामने आए तथ्यों के आधार पर दस्तावेजों की पड़ताल की है। इसी कड़ी में लेखा विभाग के कई कर्मचारियों से पूछताछ की गई। सूत्रों का कहना है कि ईओडब्ल्यू ने पावर कारपोरेशन के तीन कर्मचारियों को गवाह बनाया है। कर्मचारियों से पूछताछ में सामने आया कि बैठकों से जुड़ी नोटशीट में हेराफेरी कराई जाती थी। इस काम में सचिव ट्रस्ट पीके गुप्ता का दबाव रहता था। नोटशीट फाड़कर दूसरी नोटशीट तैयार किए जाने की बात भी सामने आई है।

उल्लेखनीय है कि ईओडब्ल्यू ने 14 फर्जी ब्रोकर फर्मों को चिह्नित किया था, जिनमें शामिल एक फर्जी ब्रोकर फर्म के संचालक आशीष चौधरी को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। सोमवार को ब्रोकर फर्म एसएमसी के दो अधिकारियों ने पीएनबी हाउसिंग व निजी कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) में कराए गए निवेश के बारे में सिलसिलेवार पूछताछ की गई। इस फर्म के जरिये दिसंबर 2016 में आरोपित एपी मिश्र ने भविष्य निधि की रकम का निवेश पीएनबी हाउसिंग में कराया था। बाद में इस फर्म के जरिये डीएचएफएल में भी निवेश कराया गया। ईओडब्ल्यू ब्रोकर फर्मों के संचालकों व अधिकारियों के पावर कारपोरेशन के अधिकारियों से कनेक्शन भी खंगाल रही है। एसएमसी को पावर कारपोरेशन में प्रवेश दिलाने वाले की भी तलाश की जा रही है।

अब तक पांच हुए गिरफ्तार

भविष्य निधि घोटाले में मामले में अब तक पांच आरोपितों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। इनमें सुधांशु द्विवेदी, एपी मिश्र, पीके गुप्ता, पीके गुप्ता का बेटा अभिनव व फर्जी फर्म संचालक आशीष चौधरी शामिल हैं। ध्यान रहे, 4122.70 करोड़ के भविष्य निधि घोटाले में हजरतगंज कोतवाली में दर्ज कराई गई एफआइआर की विवेचना शासन ने ईओडब्ल्यू को सौंपी है।

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