जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की तैयारी में यूपी सरकार, अब घर-घर पहुंचेगा संदेश 'दो बच्चे ही अच्छे'

Population Control Law जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कानून बनाने की तैयारी में जुटी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार दो बच्चे ही अच्छे का संदेश घर-घर पहुंचाएगी। इसके लिए 27 जून से अभियान शुरू हो रहा है जो अगले महीने जुलाई भर जारी रहेगा।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 10:02 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 07:02 AM (IST)
जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की तैयारी में यूपी सरकार, अब घर-घर पहुंचेगा संदेश 'दो बच्चे ही अच्छे'
जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की तैयारी में जुटी उत्तर प्रदेश सरकार 'दो बच्चे ही अच्छे' का संदेश घर-घर पहुंचाएगी।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कानून बनाने की तैयारी में जुटी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 'दो बच्चे ही अच्छे' का संदेश घर-घर पहुंचाएगी। इसके लिए 27 जून से अभियान शुरू हो रहा है, जो अगले महीने जुलाई भर जारी रहेगा। इसके तहत दंपती संपर्क पखवाड़ा 27 जून से 10 जुलाई तक चलेगा, जबकि 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा शुरू किया जाएगा।

दंपती संपर्क पखवाड़े के दौरान आशा वर्कर अपने-अपने क्षेत्र में दंपतियों को चिन्हित करेंगी। ऐसे दंपती, जिनके दो या उससे अधिक बच्चे हैं, उनकी काउंसिलिंग की जाएगी। वहीं नव दंपत्तियों को 'हम दो हमारे दो' से क्या लाभ है, इसके बारे में जानकारी दी जाएगी। उन्हें परिवार नियोजन से संबंधित क्या-क्या सुविधाएं दी जा रही हैं, यह भी बताया जाएगा। पात्र लोगों को दो महीने की गर्भनिरोधक गोली व कंडोम भी मुफ्त में दिया जाएगा। पुरुष व महिला दोनों की नसबंदी के लिए पूर्व पंजीकरण की सुविधा भी दी जाएगी।

जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के दौरान प्रचार के लिए मोबाइल वैन चलाई जाएंगी और गांव-गांव लोगों को परिवार नियोजन के बारे में जानकारी दी जाएगी। 11 जुलाई से शुरू होने वाले जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े की भी तैयारी कर ली गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक अर्पणा उपाध्याय की ओर से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसमें दो बच्चों के बीच कम से कम तीन साल का अंतर रखने के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा।

लाभार्थियों को गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा और प्रसव के बाद आइयूसीडी सेवाओं को स्वीकार करने के लिए विशेष रूप से प्रेरित किया जाएगा। जन प्रतिनिधियों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने के लिए प्रत्येक जिले में कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। अभियान के दौरान कितने लोगों की नसबंदी की गई और कितनों ने परिवार नियोजन के अन्य उपाए अपनाए, इसकी मानीटरिंग की जाएगी। जिला स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए 80 हजार रुपये और ब्लाक स्तरीय कार्यक्रम के लिए नौ हजार रुपये दिए जाएंगे।

बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने राज्य में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून का मसौदा बनाना शुरू कर दिया है। आयोग, फिलहाल राजस्थान व मध्य प्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों में लागू कानूनों के साथ सामाजिक परिस्थियों व अन्य बिंदुओं पर अध्ययन कर रहा है। जल्द वह अपना प्रतिवेदन तैयार कर उसे राज्य सरकार को सौंपेगा। इसके तहत दो से अधिक बच्चों के अभिभावकों को सरकारी सुविधाओं के लाभ से वंचित किए जाने को लेकर विभिन्न बिंदुओं पर अध्ययन होगा। खासकर सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाली सुविधाओं में कितनी कटौती की जाए, इस पर मंथन होगा।

फिलहाल राशन व अन्य सब्सिडी में कटौती के विभिन्न पहलुओं पर विचार शुरू कर दिया गया है। सूबे में इस कानून के दायरे में अभिभावकों को किस समय सीमा के तहत लाया जाएगा और उनके लिए सरकारी सुविधाओं के अलावा सरकारी नौकरी में क्या व्यवस्था होगी, ऐसे कई बिंदु भी बेहद अहम होंगे। आयोग के अध्यक्ष न्यायमर्ति एएन मित्तल का कहना है कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर असोम, राजस्थान व मध्य प्रदेश में लागू कानूनों का अध्ययन शुरू कर किया गया है। बेरोजगारी व भुखमरी समेत अन्य पहलुओं को ध्यान में रखकर विभन्न बिंदुओं पर विचार के आधार पर प्रतिवेदन तैयार किया जाएगा।

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