योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं फिर तेज, फेरबदल में जा सकती कई मंत्रियों की कुर्सी

योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में अभी कुल 54 मंत्री हैं जबकि अधिकतम 60 बनाए जा सकते हैं। ऐसे में जातीय-क्षेत्रीय समीकरणों के लिहाज से कुछ विधायकों को मंत्री बनाए जाने की संभावना है। इसके अलावा कुछ मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड हाईकमान की नजरों में बहुत कमजोर है।

By Umesh Kumar TiwariEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 07:00 AM (IST) Updated:Mon, 18 Jan 2021 10:18 AM (IST)
योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं फिर तेज, फेरबदल में जा सकती कई मंत्रियों की कुर्सी
उत्तर प्रदेश के योगी मंत्रिमंडल में जातीय-क्षेत्रीय समीकरणों के लिहाज से कुछ विधायकों को मंत्री बनाए जाने की संभावना है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में विस्तार की अटकलें कई महीनों से चल रही हैं, लेकिन कोरोना महामारी के चलते कुछ हुआ नहीं। अब विधानसभा चुनाव करीब आते ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। संभावना जताई जा रही है कि अब बहुत जल्द ही मंत्रिमंडल में काफी फेरबदल हो सकता है।

योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावनाओं को सबसे अधिक मजबूत वीआरएस लेकर आए गुजरात कैडर के आइएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा ने किया है। पार्टी में शामिल होते ही भाजपा ने उन्हें विधान परिषद चुनाव का प्रत्याशी बनाया है। कयास हैं कि उन्हें योगी कैबिनेट में कोई अहम जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके साथ ही चर्चा जोर पकड़ रही है कि मंत्रिमंडल से कुछ मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है।

योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में अभी कुल 54 मंत्री हैं, जबकि अधिकतम 60 बनाए जा सकते हैं। जातीय-क्षेत्रीय समीकरणों के लिहाज से ऐसे में कुछ विधायकों को मंत्री बनाए जाने की संभावना है। इसके अलावा कुछ मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड हाईकमान की नजरों में बहुत कमजोर है। ऐसे मंत्रियों को हटाकर भी नए चेहरों के लिए जगह बनाई जा सकती है। मंत्रिमंडल विस्तार में विधानसभा चुनाव 2022 को देखते हुए जातीय व क्षेत्रीय समीकरण को महत्व दिए जाने की चर्चा भी है।

बता दें कि योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे चेतन चौहान और कमल रानी वरुण का कोरोना की वजह से निधन हो गया था, जिसकी वजह से कैबिनेट में दो सीट पहले से ही खाली है। इसके साथ ही नए चेहरों को भी कैबिनेट में मौका देने की तैयारी है। ऐसे भी माना जा रहा है कि कुछ मंत्रियों के परफार्मेंस के आधार पर उन्हें हटाया जा सकता है। चर्चा यह भी है कि नए मंत्रिमंडल में छह से सात नए चेहरों को मौका मिल सकता है। आरोपों में घिरने वाले और खराब कामकाज वालों को बाहर किया जा सकता है।

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