UP में गैर जरूरी खर्चों पर चली योगी सरकार की कैंची, अफसरों की महंगी हवाई यात्रा और नए वाहन खरीद पर प्रतिबंध

कोरोना महामारी से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ सरकार पर आर्थिक भार लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में अभी कई और व्यवस्थाएं की जानी हैं। ऐसी दशा में योगी आदित्यनाथ सरकार ने गैरजरूरी खर्च कम करने के लिए कई अहम निर्णय किए हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 10:06 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 06:29 PM (IST)
UP में गैर जरूरी खर्चों पर चली योगी सरकार की कैंची, अफसरों की महंगी हवाई यात्रा और नए वाहन खरीद पर प्रतिबंध
यूपी सरकार ने आर्थिक भार कम करने के लिए कई अहम निर्णय लिए हैं।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। कोरोना महामारी से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ सरकार पर आर्थिक भार लगातार बढ़ रहा है। अभी कई और व्यवस्थाएं की जानी हैं। ऐसी दशा में योगी सरकार ने गैरजरूरी खर्च कम करने का अहम निर्णय किया है। अधिकारियों की महंगी हवाई यात्राओं में कटौती से लेकर नए वाहनों की खरीद पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। ईंधन पर होने वाले व्यय को कम करने के निर्देश भी दिए गए हैं। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने खर्चों में कटौती के लिए आदेश जारी करने के साथ ही विभागों को इसका सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

जारी आदेश में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि हवाई यात्रा के लिए अधिकृत अफसर भी अब केवल इकनामी क्लास में ही यात्रा करेंगे। वर्तमान वित्तीय वर्ष में एक्जीक्यूटिव और बिजनेस क्लास में यात्रा पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी। इसके अलावा अधिकारियों को शासकीय कार्यों के लिए की जाने वाली यात्राओं को कम करने का निर्देश दिया गया है। यथासंभव अधिकारियों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक करने के निर्देश दिए गए हैं। कोई भी विभाग नए वाहन भी नहीं खरीद सकेगा। जो वाहन पूरी तरह से खराब हो चुके हैं, उनके स्थान पर किराये पर वाहन की व्यवस्था करने को कहा गया है। सरकारी वाहनों के रखरखाव व ईंधन पर होने वाले खर्चे को भी कम करने का निर्देश दिया गया है।

मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कहा है कि इसका विशेष ध्यान दिया जाए कि ईंधन का दुरुपयोग न हो और इस मद में आवंटित बजट की तुलना में कमी लाई जाए। इसके अलावा विभागों को केंद्रीय पुरोनिधानित योजनाओं में केंद्रांश को समय से प्राप्त करने के प्रयास किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य की योजनाओं की समीक्षा कर ऐसी चालू व नई योजनाओं को प्राथमिकता दिए जाने को कहा गया है, जो वित्तीय वर्ष 2021-22 में ही पूरी की जा सकती हैं।

कार्यालय व्यय, यात्रा व्यय, स्थानान्तरण यात्रा व्यय, अवकाश यात्रा सुविधा, कंप्यूटर अनुरक्षण, स्टेशनरी, मुद्रण और प्रकाशन के व्यय में कमी करने का भी निर्देश दिया गया है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में कैश प्रबंधन के लिए केंद्रीय मंत्रालयों के कुल व्यय को 20 फीसद तक करने की व्यवस्था की है।

chat bot
आपका साथी