उत्तर प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव लड़ाएगी सपा, भाजपा के नितिन अग्रवाल के खिलाफ नरेन्द्र वर्मा होंगे प्रत्याशी

भारतीय जनता पार्टी 18 को होने वाले इस चुनाव में हरदोई से विधायक नितिन अग्रवाल को उतारने की योजना बना चुकी है। समाजवादी पार्टी ने भी मोर्चा खोल दिया है। समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री नरेन्द्र वर्मा को मैदान में उतारने का मन बनाया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 05:27 PM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 05:30 PM (IST)
उत्तर प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव लड़ाएगी सपा, भाजपा के नितिन अग्रवाल के खिलाफ नरेन्द्र वर्मा होंगे प्रत्याशी
विधानसभा उपाध्यक्ष का पद 18 अक्टूबर को चुनाव के बाद भर जाएगा

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में लम्बे समय से खाली विधानसभा उपाध्यक्ष का पद 18 अक्टूबर को चुनाव के बाद भर जाएगा। प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल के पद से इस्तीफा देने के बाद से पद खाली चल रहा था।

भारतीय जनता पार्टी 18 को होने वाले इस चुनाव में हरदोई से विधायक नितिन अग्रवाल को उतारने की योजना बना चुकी है। भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को चुनौती देने के लिए समाजवादी पार्टी ने भी मोर्चा खोल दिया है। समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री नरेन्द्र वर्मा को मैदान में उतारने का मन बनाया है। नरेन्द्र वर्मा सीतापुर में महमूदाबाद से विधायक हैं। अखिलेश यादव सरकार में मंत्री रहे नरेन्द्र वर्मा को उन्हीं के साथ मंत्री रहे भाजपा के प्रत्याशी नितिन अग्रवाल चुनौती देंगे। हरदोई के नितिन अग्रवाल की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने के लिए हाल में समाजवादी पार्टी की याचिका को विधानसभा अध्यक्ष ने खारिज कर दिया था। नरेन्द्र वर्मा कुर्मी समाज के नेता हैं। वह समाजवादी पार्टी की सरकार में तीन बार मंत्री रहे हैं। समाजवादी पार्टी उनको सपा के विधायक नितिन अग्रवाल के खिलाफ उतारेगी। भाजपा नितिन अग्रवाल को को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाना चाहती है। नितिन अग्रवाल वैश्य समाज के नेता हैं।

विधानसभा के तीसरे सत्र के केंद्र में सदन के उपाध्यक्ष का निर्वाचन है। पूर्व सांसद नरेश अग्रवाल के पुत्र व हरदोई सदर सीट के सपा विधायक नितिन अग्रवाल का विधानसभा उपाध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है। भाजपा में शामिल हो चुके नितिन कागजों में अब भी सपा विधायक हैं। विधानसभा चुनाव के लिए वैश्य बिरादरी पर नजर जमाए भाजपा उन्हें विधानसभा उपाध्यक्ष बनाना चाहती है। सदन में भाजपा का प्रचंड बहुमत होने के नाते उनका विधानसभा उपाध्यक्ष बनना तय है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव 18 अक्टूबर को होगा। उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष का चुनाव 18 को होने वाले एक दिन का विशेष सत्र के तीसरे सत्र में होगा। इस चुनाव के लिए नामांकन 17 को होगा। सभी सदस्यों को कार्यक्रम जारी करने के साथ विधानसभा सचिवालय तैयारी में जुटा है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने उपाध्यक्ष के निर्वाचन के लिए 18 अक्टूबर की तारीख घोषित कर दी है। उपाध्यक्ष का निर्वाचन सोमवार को सुबह 11 बजे विधानसभा मंडप में होगा। विधानसभा उपाध्यक्ष के निर्वाचन के लिए नामांकन पत्र 17 अक्टूबर को सुुबह 11 से दोपहर एक बजे तक भरकर प्रमुख सचिव विधानसभा को प्रस्तुत किये जा सकेंगे। प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप कुमार दुबे ने बताया कि विधानसभा का कोई भी सदस्य किसी दूसरे सदस्य के नामांकन के लिए नामांकन पत्र भरकर प्रस्तुत कर सकता है। नामांकन पत्र प्रमुख सचिव विधानसभा के कार्यालय से प्राप्त किये जा सकते हैं।

प्रमुख सचिव विधानसभा की ओर से सदन के सभी सदस्यों को तीसरे सत्र का कार्यक्रम बुधवार को जारी कर दिया गया है। तीसरे सत्र के दौरान औपचारिक कार्य जैसे कि अध्यादेशों, अधिसूचनाओं व नियमों को सदन के पटल पर रखा जाएगा। सत्र के दौरान उत्तर प्रदेश औद्योगिक शांति (मजदूरी का यथासमय संदाय) (संशोधन) अध्यादेश, 2021 के प्रतिस्थानी विधेयक समेत कुछ अन्य विधेयकों को भी सदन में पेश किये जाने की संभावना है।

विधानसभा के तीसरे सत्र के लिए सदन की कार्यमंत्रणा समिति व सर्वदलीय समिति की बैठक 17 अक्टूबर को प्रस्तावित है। सत्र की तैयारियों के लिए विधानसभा सचिवालय शनिवार और रविवार को अवकाश के दिनों में भी खुला रहेगा, चूंकि विधान परिषद का सत्र नहीं बुलाया गया है, इसलिए किसी भी तरह के विधेयक आदि के पारित होने की कोई संभावना नहीं है। 

chat bot
आपका साथी