उत्तर प्रदेश विधानसभा का एकदिनी विशेष सत्र आज, समाजवादी पार्टी व कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन

15 विधेयक पर बहस के साथ संशोधन का प्रस्ताव रखा जाएगा जबकि अन्य कई विधेयक पर भी चर्चा के साथ विधानसभा उपाध्यक्ष के निर्वाचन की कार्यवाही होगी। सदन की कार्यवाही से पहले ही सोमवार को समाजवादी पार्टी तथा कांग्रेस के नेता इस विशेष सत्र का विरोध कर रहे हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 10:07 AM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 10:35 AM (IST)
उत्तर प्रदेश विधानसभा का एकदिनी विशेष सत्र आज, समाजवादी पार्टी व कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन
विधान भवन को तगड़े सुरक्षा घेरे में रखा गया है।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र सोमवार को विधान भवन में होगा। इसमें 15 विधेयक पर बहस के साथ संशोधन का प्रस्ताव रखा जाएगा जबकि अन्य कई विधेयक पर भी चर्चा के साथ विधानसभा उपाध्यक्ष के निर्वाचन की कार्यवाही होगी। सदन की कार्यवाही से पहले ही सोमवार को समाजवादी पार्टी तथा कांग्रेस के नेता इस विशेष सत्र का विरोध कर रहे हैं। विधान भवन को तगड़े सुरक्षा घेरे में रखा गया है।

उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र सोमवार को विधान भवन में 11 बजे से होगा। सदन के विशेष सत्र की कार्यवाही प्रारंभ होने से पहले ही विरोध होने लगा है। समाजवादी पार्टी के नेता सड़क पर और कांग्रेस के नेता विधान भवन प्रांगण में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी का विरोध महंगाई को लेकर है, जबकि कांगïेस लखीमपुर खीरी की हिंसा को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग पर अड़ी है। विधानसभा उपाध्यक्ष के निर्वाचन का भी कांग्रेस ने बहिष्कार का फैसला किया है। समाजवादी पार्टी का कहना है कि इस विशेष सत्र का कोई औचित्य नहीं है। सदन के अंदर लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा पर चर्चा होनी चाहिए, लेकिन इसको सरकार ने चर्चा के बिंदु में शामिल नहीं किया है।

समाजवादी पार्टी के विधायकों तथा विधान परिषद सदस्यों ने लखीमपुर खीरी की घटना, कानून-व्यवस्था, महंगाई, बेरोजगारी आदि मुद्दों पर सरकार की नीतियों का विरोध करते विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले विधान भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

कांग्रेस करेगी उपाध्यक्ष चुनाव का बहिष्कार

कांग्रेस सोमवार को विधानसभा उपाध्यक्ष पद के चुनाव का बहिष्कार करेगी। कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने कहा कि सत्ताधारी दल भाजपा उपाध्यक्ष का चुनाव संसदीय परंपराओं को दरकिनार कर करा रही है। उपाध्यक्ष के चुनाव और विधानसभा का सत्र बुलाए जाने के बारे में विपक्ष से कोई मशविरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि सरकार लखीमपुर की घटना पर सदन में चर्चा कराती। विधानसभा में कांग्रेस के सात सदस्य हैं जिनमें दो बागी हो चुके हैं। विधानसभा का सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस के विधायकों ने विधान भवन में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा स्थल पर विरोध स्वरूप धरना दिया और लखीमपुर की घटना पर सदन में चर्चा कराने की मांग की।

उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र सोमवार को विधान भवन में 11 बजे से होगा। सोमवार को सुबह 11 बजे वंदे मातरम के बाद सदन में सूचनाएं ली जाएंगी। इसके बाद उपाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए विधायक नितिन अग्रवाल और नरेंद्र सिंह वर्मा ने अपना नामांकन कराया है। इसके साथ ही आज की विशेष बैठक में नियम-301 व नियम-51 की सूचनाएं ली जाएंगी। नियम-301 के तहत सदस्य अविलंबनीय लोक महत्व के विषय पर सदन का ध्यान आकृष्ट कर सकते हैं। वहीं नियम-51 के तहत वे ऐसा विषय उठा सकते हैं जो औचित्य प्रश्न न हो।

इस विशेष सत्र को लेकर विधानसभा अध्यक्ष पंडित ह्दय नारायण दीक्षित ने रविार को कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में कार्यक्रम तय करने के साथ ही विधानसभा उपाध्यक्ष चुनाव पर मुहर लगा दी। विधान सभा अध्यक्ष ने विश्वास जताया कि सदन की कार्यवाही को सुगमतापूर्वक चलाया जा सकेगा। सदन में सारगर्भित और गुणवत्तापूर्ण चर्चा के लिए सभी का सहयोग अपेक्षित है। विधान सभा सत्र के मद्देनजर सुरक्षा समिति की बैठक भी हुई जिसमें सदस्यों के लिए निर्बाध आवागमन, सुरक्षा, उपचार आदि व्यवस्था कराये जाने पर विचार किया गया।

कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, सपा से नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी व राकेश प्रताप सिंह, बसपा नेता शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली, कांग्रेस दल की नेता आराधना मिश्रा, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के कैलाशनाथ सोनकर, समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री, पशुधन मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण, एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, राज्यमंत्री गुलाब देवी प्रमुख सचिव विधान सभा प्रदीप कुमार दुबे, प्रमुख सचिव संसदीय कार्य, जेपी सिंह व अन्य अधिकारी मौजूद थे।  

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