यूपी में बिजली उपभोक्ताओं का उत्पीड़न करना अब पड़ेगा भारी, इंजीनियरों के वेतन से होगी कटौती

यूपी में बिजली उपभोक्ताओं का उत्पीड़न करना अब अभियंताओं पर भारी पड़ सकता है। उत्पीड़न के मामलों को गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने पहली बार अहम निर्णय करते हुए अधिशासी अभियंताओं के वेतन से 50 हजार रुपये तक की कटौती के निर्देश दिए हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 11:10 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 08:30 AM (IST)
यूपी में बिजली उपभोक्ताओं का उत्पीड़न करना अब पड़ेगा भारी, इंजीनियरों के वेतन से होगी कटौती
यूपी में बिजली उपभोक्ताओं का उत्पीड़न करने पर अधिशासी अभियंताओं के वेतन से 50 हजार रुपये तक की कटौती होगी।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं का उत्पीड़न करना अब अभियंताओं पर भारी पड़ सकता है। उत्पीड़न के मामलों को गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने पहली बार अहम निर्णय करते हुए संबंधित अधिशासी अभियंताओं के वेतन से 50 हजार रुपये तक की कटौती के निर्देश दिए हैं। कटौती की जाने वाली धनराशि उपभोक्ताओं की वेलफेयर स्कीम में खर्च किया जाएगा। विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 142 के तहत आयोग के दो सदस्यों केके शर्मा व बीके श्रीवास्तव वाली पीठ ने अलग-अलग उपभोक्ताओं की दाखिल तीन शिकायतों पर निर्णय सुनाते हुए पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के तीन अधिशासी अभियंताओं के वेतन से कटौती करने के निर्देश दिए।

उपभोक्ता खुर्रम खान ने वाराणसी के अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड कज्जाकपुरा के खिलाफ आयोग में याचिका दाखिल कर उन पर गलत तरीके से ज्यादा बिजली का बिल जमा कराए जाने की शिकायत की। आयोग ने ज्यादा जमा किए गए पैसे की वापसी के निर्देश दिए लेकिन अधिशासी अभियंता ने पैसे वापस नहीं किए। इस पर मंगलवार को आयोग ने अधिशासी अभियंता पर 50 हजार रुपये की पेनाल्टी लगाते हुए उनके वेतन से कटौती करने के निर्देश दिए।

इसी तरह बिजली उपभोक्ता मुलायम सिंह ने फिरोजाबाद के विद्युत वितरण खंड जसराना के खिलाफ वाद दायर किया कि उनके द्वारा वर्ष 2001 में कृषि कार्यों के लिए निजी नलकूप (पीटीडब्ल्यू) का कनेक्शन मांगा गया। पैसा जमा कराने के बाद भी कनेक्शन नहीं जारी किया गया। बाद में उपभोक्ता को 1,12,922 रुपये और जमा करने के निर्देश दिए गए। विद्युत नियामक आयोग ने इस मामले को भी गंभीरता से लेते हुए अधिशासी अभियंता की कार्यवाही को गलत ठहराया और अधिशासी अभियंता पर 10 हजार रुपये की पेनाल्टी लगाते हुए उनके वेतन से काटने के निर्देश दिए हैं।

एक अन्य मामले में उपभोक्ता संजय कुमार शुक्ला द्वारा प्रयागराज के अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड जार्जटाउन के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया था। आयोग द्वारा तीन बार बुलाए जाने पर भी अधिशासी अभियंता हाजिर नहीं हुए। ऐसे में आयोग ने 25 हजार रुपये की पेनाल्टी संबंधित अधिशासी अभियंता पर लगाते हुए उसकी वसूली वेतन से करने के निर्देश दिए। संबंधित आदेश पर तत्काल क्रियान्वयन के लिए उसे डिस्काम के प्रबंध निदेशकों को भेजते हुए आयोग ने कटौती से जमा होने वाली धनराशि को उपभोक्ताओं के वेलफेयर पर खर्च करने का भी निर्णय सुनाया है।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आयोग के निर्णयों को ऐतिहासिक बताते हुए दोनों सदस्यों का प्रदेश के उपभोक्ताओं की तरफ से आभार व्यक्त किया है। वर्मा ने कहा कि आयोग के इस तरह के कड़े फैसले से उपभोक्ताओं में एक आस जगी है कि उनका उत्पीड़न करने से अभियंता डरेंगे।

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