UP TET का सर्टिफिकेट भी अब आजीवन वैध, CM योगी आदित्यनाथ की मंजूरी के बाद नेटिफिकेशन जारी

UP TET Certificate यूपी टीईटी का प्रमाणपत्र अब आजीवन वैध होगा। बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंजूरी दे दी है। सीएम योगी की मंजूरी मिलने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 06:30 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 06:23 PM (IST)
UP TET का सर्टिफिकेट भी अब आजीवन वैध, CM योगी आदित्यनाथ की मंजूरी के बाद नेटिफिकेशन जारी
यूपी टीईटी का प्रमाणपत्र अब आजीवन वैध होगा।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। अब उत्तर प्रदेश में भी उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को दोबारा इस परीक्षा में शामिल होने की जरूरत नहीं होगी। यूपी टीईटी का प्रमाणपत्र अब आजीवन वैध होगा। केंद्र सरकार की ओर से शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रमाणपत्र की वैधता आजीवन किए जाने के बाद इसी तर्ज पर बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंजूरी दे दी है।

सीएम योगी आदित्यनाथ की मंजूरी मिलने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है। यह आदेश 11 फरवरी, 2011 के बाद अब तक आयोजित हुईं सभी उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षाओं में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों पर लागू होगा। अभी तक यूपी टीईटी के प्रमाणपत्र की वैधता अवधि पांच वर्ष थी। मुख्यमंत्री ने बुधवार सुबह टीम-9 के साथ बैठक में यूपी टीईटी के प्रमाणपत्र को आजीवन वैध करने का निर्देश दिया था।

निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद कक्षा एक से आठ तक में शिक्षक नियुक्त होने के लिए टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य शैक्षिक अर्हता है। उत्तर प्रदेश में यूपी टीईटी के आयोजन के लिए वर्ष 2011 में शासनादेश जारी हुआ था। तब से यह परीक्षा आयोजित की जा रही है। अभी तक प्रचलित नियम के अनुसार यदि कोई अभ्यर्थी यूपी टीईटी उत्तीर्ण करने के पांच वर्ष के अंदर शिक्षक के तौर पर चयनित नहीं हो पाता था तो उसके लिए दोबारा यह परीक्षा उत्तीर्ण करना जरूरी था।

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने केंद्र सरकार की ओर से आयोजित की जाने वाली शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रमाणपत्र को बीते दिनों आजीवन वैध कर दिया था। अभी तक केंद्र सरकार की शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रमाणपत्र की वैधता सात वर्ष तक के लिए होती थी। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों से भी टीईटी के प्रमाणपत्र को आजीवन वैध करने के लिए पत्राचार किया था। इसी क्रम में सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकारी, प्रयागराज ने यूपी टीईटी के प्रमाणपत्र को आजीवन वैध करने के बारे में बीते दिनों शासन को प्रस्ताव भेजा था, जिसे मुख्यमंत्री ने मंजूरी दे दी है।

यूपी सरकार के इस फैसले से उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) उत्तीर्ण 21 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है। यूपी टीईटी उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को दोबारा इस परीक्षा में शामिल होने की जरूरत नहीं होगी। उत्तर प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ष में एक बार होती रही है। दस साल में आठ परीक्षाएं हो चुकी हैं और उनमें करीब 21 लाख से अधिक परीक्षार्थी सफल हुए हैं। अभी तक यूपीटीईटी प्रमाणपत्र पांच वर्ष के लिए ही मान्य रहा है। इसके पहले 2012 में यूपीटीईटी नहीं हुई और 2020 की परीक्षा का नोटीफिकेशन इसी माह जारी होने के आसार हैं।

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