नगर निगम पर पांच करोड़ हर्जाना लगाने की सिफारिश, जानिए क्यों
यूपी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एंड मॉनीटरिंंग कमेटी ने शहर में चारों तरफ फैली गंदगी पर एनजीटी को भेजी रिपोर्ट
लखनऊ, जेएनएन। शहर में चौतरफा फैली गंदगी को लेकर नगर निगम और दूसरे जिम्मेदार महकमे निशाने पर हैं। यूपी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एंड मॉनीटरिंंग कमेटी ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को इस संबंध में रिपोर्ट भेजकर सिफारिश की है कि लापरवाह लखनऊ नगर निगम पर पांच करोड़ रुपये का पर्यावरणीय हर्जाना लगाया जाए। साथ ही छावनी परिषद पर 50 लाख और एल्डिको पर दो करोड़ का पर्यावरणीय हर्जाना लगाने की भी सिफारिश की गई है।
कमेटी द्वारा नगर निगम, मेसर्स ईको ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, छावनी परिषद, एल्डिको कॉलोनी का उत्तर प्रदेश सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एंड मॉनीटङ्क्षरग कमेटी के सचिव एवं पूर्व जिला जज राजेंद्र सिंह, एडवोकेट कमिश्नर चेतनारायन सिंह और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा किए गए निरीक्षण की रिपोर्ट एनजीटी को भेज दी गई है। कमेटी ने सर्वे में पाया कि नगर निगम, ईको ग्रीन, छावनी परिषद का कार्य असंतोषजनक है। यहां कूड़े का निस्तारण भली-भांति नहीं किया जा रहा है। छावनी स्थित वधशाला में टीम ने देखा कि करीब 25 भैंसें बंद थीं। छावनी परिषद द्वारा कहा गया कि वधशाला बंद है, जबकि मौके पर खुली पाई गई।
तीन माह में बाजारों में रखवाएं डस्टबिन
लखनऊ नगर निगम को यह आदेश दिया गया है कि तीन माह के अंदर सभी बाजारों के दुकानदारों, ढाबों और स्ट्रीट वेंडर के पास सौ लीटर या उससे अधिक क्षमता के तीन डस्टबिन रखवाएं।
छावनी परिषद कर रहा नियमों की अनदेखी
छावनी परिषद पर 50 लाख रुपये का पर्यावरणीय हर्जाना लगाए जाने की सिफारिश की गई है। आदेश दिया है कि क्षेत्र में कहीं भी पशुओं के अवशेष या खून नाले-नालियों में बहता न दिखे। परिषद बाजार में 50 और 100 लीटर के डस्टबिन रखवाएं।
कूड़े-कचरे से भर गई झील
उधर, रायबरेली रोड स्थित एल्डिको कॉलोनी द्वारा कूड़ा निस्तारण में उदासीनता बरते जाने के लिए दो करोड़ रुपये का पर्यावरणीय हर्जाना लगाए जाने की सिफारिश की गई है। कॉलोनी के बीचोबीच स्थित शीतल लेक (शीतल झील) की जमीन एल्डिको को लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा इसी शर्त पर दी गई थी कि झील का रखरखाव एल्डिको करेगा। देखा गया कि झील कूड़े-कचरे, बायो मेडिकल वेस्ट और निर्माण सामग्री से पट चुकी है। कमेटी ने एनजीटी से झील को वास्तविक स्वरूप में लौटाने की जिम्मेदारी सौंपने की सिफारिश की है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी पर दंड
कमेटी ने ईको ग्रीन को ट्रांसफर स्टेशन की अनुमति दिए जाने के संबंध में चार माह तक कोई कार्यवाही न करने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड केअधिकारी पर एक हजार रुपये हर्जाना लगाने की सिफारिश की है।
नगर निगम के कार्यों पर नजर रखेगी कमेटी
कमेटी ने सचिव अरबन डेवलेपमेंट, सचिव एनवायरमेंट और सचिव स्वास्थ्य की एक कमेटी गठित की है, जो लखनऊ शहर की सफाई से संबंधित नगर निगम के कार्यों की देखरेख करेगी। कमेटी के कार्यों की मॉनीटङ्क्षरग प्रमुख सचिव, अरबन डेवलपमेंट करेंगे।
दिए गए ये आदेश गोमती में 33 नालों के जरिये सीवेज गिरने की समस्या की रोकथाम दो माह में करें मृत जानवरों, ठोस अपशिष्ट तथा बायो मेडिकल वेस्ट और प्लास्टिक कचरे को नालों से एक माह में निकाला जाए नालों की सफाई एक माह में की जाए, जिससे हैजा, मलेरिया, डायरिया जैसी बीमारियों से निजात मिल सके
ये होंगे जिम्मेदार
लखनऊ तथा अन्य जिलों में गंदगी और सोचनीय हालातों के लिए प्रमुख सचिव पर्यावरण, नगर आयुक्त, सदस्य सचिव उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जिला मजिस्टे्रट और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी।
सफाईकर्मियों के लिए बायोमीट्रिक प्रणाली लागू हो
प्रदेश के सभी नगर निगम, नगर निकाय सफाई कर्मचारियों की उपस्थिति आधार कार्ड से लिंक करें। बायोमीट्रिक प्रणाली लागू करें, जिससे समस्त कर्मचारियों की उपलब्धता और उनकी वास्तविक संख्या सुनिश्चित हो सके।
घैला में कूड़े का निस्तारण छह माह में करें
घैला डंपिंग ग्राउंड में कूड़े का निस्तारण बायोरेमीडिएशन द्वारा छह माह में किया जाए। कमेटी ने कहा है कि राज्य सरकार हाउस टैक्स में एक समान दर से कूड़ा निस्तारण के लिए घरों पर एक धनराशि अधिरोपित कर सकती है।
ये भी हुई सिफारिश छावनी परिषद पर 50 लाख और एल्डिको पर दो करोड़ के पर्यावरणीय जुर्माने की सिफारिश सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स-2016 का अनुपालन करने में असफल रहने पर कमेटी सख्त एक माह में नालों की गंदगी साफ करने के आदेश