बदहाली से जूझ रही लखनऊ की ट्रैफिक पुलिस लाइन बैरक में JCP ने फूंकी जान, अब बनेगी मॉडल
लखनऊ की ट्रैफिक पुलिस लाइन बैरक का जेसीपी कानून व्यवस्था नवीन अरोड़ा ने किया औचक निरिक्षण। सीलन की बदबू और दीवारों से गिरता प्लास्टर खुद-ब-खुद पुलिसकर्मियों के रहन-सहन की जद्दोजहद बयां कर रहा था। अब बनेगा मॉडल अत्याधुनिक होगा ट्रेनिंग हाल।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश पुलिस को हाइटेक करने की दौड़ में राजधानी के सदर स्थित ट्रैफिक पुलिस लाइन पीछे नजर आई। शनिवार को जेसीपी कानून व्यवस्था नवीन अरोड़ा के औचक निरिक्षण में बैरक की बदहाली के पन्नों से धूल हटी। सीलन की बदबू और दीवारों से गिरता प्लास्टर खुद-ब-खुद पुलिसकर्मियों के रहन-सहन की जद्दोजहद बयां कर रहा था। जर्जर बैरक देखकर जेसीपी कानून व्यवस्था नवीन अरोड़ा ने कड़े कदम उठाए। ट्रैफिक पुलिस लाइन बैरक में मॉडल बैरक बनाए जाने के लिए कहा। यह पुलिस कमिश्नरेट के लिए एक नजीर साबित होगी।
अब डिस्पोज होंगी कबाड़ में खड़ी गाड़ियां : वहीं, निरिक्षण में 20-25 सालों से खड़ी कबाड़ हो चुकी सीज गाड़ियां देखकर जेसीपी ने एडीसीपी सुरेश चंद्र रावत को जल्द डिस्पोज कराने के निर्देश दिए। इसके बाद मेस, गणना कार्यालय, स्टोर का निरीक्षण किया।
छह सिपाहियों को 500-500 रुपये का नकद इनाम: जेसीपी के पहुंचते ही यहां उन्हें सिपाहियों ने सलामी दी। इस दौरान अच्छे टर्न आउट के लिए उन्होंने आरक्षी शैलेंद्र, दीपक समेत तीन अन्य की सराहना की। उन्हें पांच-पांच सौ रुपये का नकद इनाम उत्साहवर्धन के लिए दिया। इसके बाद उन्होंने कैश हवलदार के कार्य सत्यप्रकाश की प्रशंसा की उन्हें भी पांच सौ रुपये का नकद इनाम दिया। फिर वह स्टोर रूम में पहुंचे। वहां के उपकरण देखे। उपकरणों की साफ सफाई किए जाने के निर्देश दिए।
ट्रेनिंग हाल बनेगा अत्याधुनिक, ट्रैफिक पार्क में बच्चों को प्रशिक्षण: जेसीपी ने बताया कि यहां एक हाल है, जिसमें पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग दी जाती है। उसे अत्याधुनिक बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हाल में मल्टीमीडिया प्रोजेक्टर, साउंड सिस्टम लगाए जाएंगे। इसके साथ ही कुर्सियों की कमी है उनकी भी व्यवस्था की जाएगी। जेसीपी ने बताया कि ट्रैफिक पार्क में छात्र-छात्राओं को यातायात के संबंध में प्रशिक्षित किया जाएगा। ट्रेनिंग कैंप चलेंगे। जिससे कि बच्चे सड़क पर आए तो उन्हें वाहन चलाने की जानकारी हो। अपने घर के लोगों को भी ट्रैफिक नियमों की जानकारी दें। क्योंकि जब बच्चे अभिभावकों से कुछ कहते हैं तो वह उनकी बात मानते हैं। उन्होंने बताया कि स्कूलों में भी बच्चों को यातायात प्रशिक्षण की जानकारी दी जाएगी।