UP PF Scam : भुगतान को लेकर परिवार के साथ लखनऊ में सड़क पर उतरे बिजली कर्मी

UP PF Scam विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के आह्वान पर आज सैकड़ों की तदाद में बिजली कर्मचारी व अभियन्ता न्याय पाने के लिए राजधानी लखनऊ की सड़कों पर उतरे।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Thu, 14 Nov 2019 02:06 PM (IST) Updated:Thu, 14 Nov 2019 02:06 PM (IST)
UP PF Scam : भुगतान को लेकर परिवार के साथ लखनऊ में सड़क पर उतरे बिजली कर्मी
UP PF Scam : भुगतान को लेकर परिवार के साथ लखनऊ में सड़क पर उतरे बिजली कर्मी

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोशन में प्राविडेंट फंड घोटाला को लेकर इंजीनियर्स के साथ बिजली विभाग के कर्मचारियों का धैर्य अब जवाब दे गया है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले इस घोटाला के विरोध में गुरुवार को लखनऊ की सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन हुआ। इस प्रदर्शन में बिजली विभाग के कर्मचारियों के साथ उनके परिवार के लोग भी सड़क पर उतरे।

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर आज सैकड़ों की तदाद में बिजली कर्मचारी व अभियन्ता न्याय पाने के लिए राजधानी लखनऊ की सड़कों पर उतरे। रैली में बड़ी संख्या में बिजली कर्मचारियों के परिवार की महिलायें एवं बच्चे भी रैली में शामिल हुए। अपने भविष्य को लेकर चिन्तित बच्चे रैली में सबसे आगे चल रहे थे। कर्मचारियों की यह रैली राणा प्रताप मार्ग पर हाईडिल फील्ड हास्टल से प्रारम्भ होकर सिकन्दरबाग चैराहा होते हुए शक्तिभवन पहुंची। शक्ति भवन पर आक्रोशित बिजली कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की।

यहां पर रैली के बाद हुई सभा में निर्णय लिया गया कि यदि सरकार बिजलीकर्मियों के पीएफ भुगतान की गारण्टी लेने की मांग पूरी नहीं करने के साथ पूर्व चेयरमैन को गिरफ्तार नहीं किया गया तो प्रदेश के तमाम बिजली कर्मचारी एवं अभियंता 18 व 19 नवम्बर को 48 घण्टे का कार्य बहिष्कार करेंगे। पारित प्रस्ताव में यह भी चेतावनी दी गयी है कि यदि शांतिपूर्ण आंदोलन के कारण किसी भी कर्मचारी का उत्पीडऩ किया गया तो सभी ऊर्जा निगमों के तमाम अधिकारी व कर्मचारी बिना और कोई नोटिस दिये उसी समय सीधी कार्यवाही के लिए बाध्य होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार एवं प्रबन्धन की होगी।

बिजली कर्मचारियों के आन्दोलन को समर्थन देने के लिए उत्तर सरकार के कर्मचारी संघों के पदाधिकारी बड़ी संख्या में रैली में सम्मिलित हुए। जिनमें जवाहर भवन इंदिरा भवन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सतीश पांडे,महामंत्री सुशील कुमार बच्चा, उप्र राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष कमलेश मिश्र, उप्र इंजीनियर्स ऐसोसिएशन के अध्यक्ष सुरजीत सिंह निरंजन तथा महासचिव आशीष यादव, कलेक्ट्रेट यूनियन के अध्यक्ष सुशील त्रिपाठी, यूपी फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विस ऐसोसिएशन के अध्यक्ष नरेन्द्र प्रताप सिंह, सुपरवाइजर ऐसोसिएशन बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की प्रांतीय अध्यक्ष रेनू शुक्ला, उप्र जल निगम समन्वय समिति के संयोजक वाई एन उपाध्याय, उप्र जल निगम इंजीनियर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डीपी मिश्रा एवं उप्र जल निगम इंजीनियर्स एसोसिएशन के सचिव नौशाद अहमद मुख्यत: उपस्थित थे।

पूर्व चेयरमैन को गिरफ्तार करने की मांग

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उप्र ने प्रस्ताव पारित कर सरकार से मांग की कि स्टेट पावर सेक्टर इम्प्लाइज ट्रस्ट एवं उप्र पावर कारपोरेशन अंशदायी भविष्य निधि ट्रस्ट की जीपीएफ व सीपीएफ की धनराशि के भुगतान का उत्तरदायित्व लेकर सरकार एक गजट नोटिफिकेशन जारी कर विद्युत कर्मचारियों के प्राविडेन्ट फण्ड का भुगतान सुनिश्चित करे।

घोटाले के दोषी उप्र पावर कारपोरेशन के पूर्व चेयरमैन एवं अन्य उच्च पदस्थ आईएएस अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही करते हुए उन्हें सेवा से बर्खास्त किया जाये तत्काल गिरफ्तार किया जाये।

उप्र स्टेट पावर सेक्टर इम्प्लाइज ट्रस्ट एवं उप्र पावर कारपोरेशन अंशदायी भविष्य निधि ट्रस्ट की सम्पूर्ण धनराशि के निवेश का श्वेत पत्र जारी किया जाये। श्वेत पत्र में यह स्पष्ट किया जाये कि बिजली कर्मचारियों की जीपीएफ व सीपीएफ की कितनी-कितनी धनराशि का किस-किस संस्था में कितनी-कितनी अवधि के लिए किस-किस स्कीम में निवेश किया गया है। श्वेत पत्र से कर्मचारियों की पीएफ धनराशि की सही तस्वीर सामने आ सकेगी।

संघर्ष समिति की मुख्य मांग है कि पावर सेक्टर इम्प्लाइज ट्रस्ट एवं अंशदायी निधि ट्रस्ट की जीपीएफ एवं सीपीएफ की धनराशि के भुगतान का उत्तरदायित्व उप्र सरकार ले और इस सम्बन्ध में आवश्यक गजट नोटिफिकेशन जारी करे। संघर्ष समिति की दूसरी मांग यह है कि घोटाले के मुख्य आरोपी पावर कारपोरेशन के पूर्व चेयरमैन, जो ट्रस्ट के अध्यक्ष भी थे, को सेवा से बर्खास्त कर तत्काल गिरफ्तार किया जाये जिससे घोटाले की जड़ तक पहुंचा जा सके।

लखनऊ में हुई सभा को संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारियों शैलेन्द्र दुबे, राजीव सिंह, गिरीश पाण्डेय, सदरूद्दीन राना, सुहैल आबिद, राजपाल सिंह, राजेन्द्र घिल्डियाल, विनय शुक्ला, शशिकान्त श्रीवास्तव, महेन्द्र राय, वी सी उपाध्याय, डी के मिश्र, करतार प्रसाद, कुलेन्द्र प्रताप सिंह, मो इलियास, पी एन तिवारी, परशुराम, ए के श्रीवास्तव, पी एन राय, भगवान मिश्र, के एस रावत, आर एन यादव, आर एस वर्मा, पी एस बाजपेई, अमिताभ सिन्हा ने मुख्य:तया सम्बोधित किया। 

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