UP Teachers MLC Election: शिक्षक विधायक के निर्वाचन की पूरी तैयारियां, कल होगा 11 सीटों पर प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा

UP Teachers MLC Election उत्तर प्रदेश की विधानपरिषद में शिक्षक एवं स्नातक कोटे की 11 सीटों पर एक दिसंबर को चुनाव होने जा रहे हैं। इन चुनावों को राजनीतिक दलों ने इस चुनाव को भी राजनीति के रंग में पूरी तरह रंग दिया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 05:23 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 08:27 PM (IST)
UP Teachers MLC Election: शिक्षक विधायक के निर्वाचन की पूरी तैयारियां, कल होगा 11 सीटों पर प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा
इनको प्रत्याशी के नाम के आगे रोमन भाषा में 1, 2, 3 आदि लिखना होगा।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में शिक्षक विधायक यानी विधान परिषद के चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो गई है। प्रदेश में कल यानी एक दिसंबर को होने वाले मतदान में 11 सीटों पर प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा। मतदान सुबह आठ से शाम पांच बजे तक होगा। इसका परिणाम तीन दिसंबर को आएगा। इस बार स्नातक सीट पर करीब एक लाख और शिक्षक सीट पर करीब 10 हजार वोटर बढ़े है। 

उत्तर प्रदेश की विधानपरिषद में शिक्षक एवं स्नातक कोटे की 11 सीटों पर एक दिसंबर को चुनाव होने जा रहे हैं। इन चुनावों को राजनीति के दलदल से अलग रखने के लिए दलीय चुनाव की मनाही है लेकिन राजनीतिक दलों ने इस चुनाव को भी राजनीति के रंग में पूरी तरह रंग दिया है। उत्तर प्रदेश विधान परिषद के 11 सदस्यों (एमएलसी) के चुनाव पर सबसे ज्यादा जोर सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लगा रखा है। भाजपा की पूरी कोशिश है कि वह इन 11 सीटों में ज्यादातर अपने पक्ष में कर ले जिससे विधान परिषद में भी उसकी ताकत बढ़ जाए। विधान परिषद की शिक्षक और स्नातक कोटे की सीटों पर जीत हासिल करना भाजपा के लिए हमेशा से सपना रहा है. स्नातक कोटे की जिन पांच सीटों पर चुनाव हो रहे हैं उनमें दो वाराणसी और इलाहाबाद-झांसी सीट भाजपा के पास थीं।

आगरा सीट पर समाजवादी पार्टी, मेरठ तथा लखनऊ सीट पर शिक्षक दल का कब्जा था। शिक्षक वर्ग की छह छह सीटों में तीन पर शिक्षक दल शर्मा गुट, एक पर सपा समॢथत और दो पर निर्दलीय काबिज थे। परिषद की इन सीटों पर कब्जा करने की कोशिश में राजनीतिक दलों ने अपनी विचारधारा को आगे कर रखा है।

शर्मा गुट का है अब तक वर्चस्व

शिक्षक एवं स्नातक वर्ग की सीटों पर बीते कई दशक से शिक्षक संघ के नेताओं का कब्जा बना हुआ है। मेरठ में शिक्षक और स्नातक क्षेत्र के एमएलसी चुनाव में अब तक ओम प्रकाश शर्मा गुट पूरी तरह हावी रहा है। शिक्षक सीट पर ओम प्रकाश शर्मा बीते 48 साल से चुनाव जीतते आ रहे हैं। वह अब तक आठ बार लगातार एमएलसी निर्वाचित हो चुके हैं। मेरठ की स्नातक सीट से भी उनके ही गुट के हेम सिंह पुंडीर भी लगातार चार बार से एमएलसी चुने गए हैं। इस सीट पर पिछले चुनाव में जरूर राजनीतिक दलों ने प्रत्याशी उतारने की कोशिश की थी लेकिन इससे पहले राजनीतिक दल भी इन चुनावों को शिक्षक व स्नातक वर्ग के लोगों तक ही सीमित रखते थे। राजनीतिक दलों के समॢथत शिक्षक गुट जरूर चुनाव लड़ते रहे हैं। इसके बावजूद अब तक देखा गया है कि इन 11 सीटों से निर्वाचित सदस्यों की निष्ठा राजनीतिक दलों के साथ कम और शिक्षक वर्ग के साथ अधिक रहती आई है। इस बार जरूर सीन बदला हुआ है।

विधान परिषद सदस्य शिक्षक क्षेत्र और विधान परिषद सदस्य स्नातक क्षेत्र में मतदान के दौरान बैलट पेपर का प्रयोग होगा और मतदाताओं को संभल कर मतदान करना होगा। इनको प्रत्याशी के नाम के आगे रोमन भाषा में 1, 2, 3 आदि लिखना होगा। इसके लिए सभी मतदाता को पीठासीन अधिकारी से मिले स्केच पेन का ही इस्तेमाल करना होगा नहीं तो मत अवैध करार दे दिया जाएगा। मतदाता को अपना पहचान पत्र दिखाना आवश्यक होगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि यदि निर्वाचक अपना निर्वाचन फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं तो आधार कार्ड, ड्राविंग लाइसेन्स, पैन कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, राज्य एवं केन्द्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, स्थानीय निकाय या अन्य निजी औद्योगिक घरानों के अपने कर्मचारियों को जारी किये गये सेवा पहचान-पत्र, सांसदों विधायकों विधान परिषद सदस्यों को जारी आधिकारिक पहचान-पत्र, दिखा सकते हैं। उन्होंने बताया कि इसमें संबंधित शिक्षक एवं स्नातक निर्वाचन क्षेत्र का निर्वाचक नियोजित हो, द्वारा जारी सेवा पहचान-पत्र, विश्वविद्यालय द्वारा जारी उपाधि अथवा डिप्लोमा का प्रमाण पत्र, मूलरूप में एवं सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी दिव्यांगता संबंधी प्रमाण-पत्र, मूलरूप में अनुमन्य होगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इसके साथ ही उत्तर प्रदेश विधान परिषद के मेरठ खण्ड स्नातक, आगरा खण्ड स्नातक, वाराणसी खण्ड स्नातक, लखनऊ खण्ड स्नातक एवं इलाहाबाद-झांसी खण्ड स्नातक तथा मेरठ खण्ड शिक्षक, आगरा खण्ड शिक्षक, वाराणसी खण्ड शिक्षक, लखनऊ खण्ड शिक्षक, बरेली-मुरादाबाद खण्ड शिक्षक एवं गोरखपुर-फैजाबाद खण्ड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के द्विवाॢषक निर्वाचन के लिए फोटो पहचान पत्र हो गए हैं।

धुरंधर जमे हैं मैदान में

आगरा स्नातक सीट: पिछले चुनाव में सत्ताधारी समाजवादी पार्टी के डॉ असीम यादव चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं। इस बार भी समाजवादी पार्टी ने उन्हेंं प्रत्याशी बनाया है जबकि जबकि भाजपा से मानवेंद्र सिंह और कांग्रेस से राजेश द्विवेदी प्रत्याशी हैं। इस सीट पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी भी ताल ठोंक रहे हैं। आगरा शिक्षक सीट: इस सीट पर पिछले कई चुनाव से शिक्षक दल शर्मा गुट के जगवीर किशोर जैन चुनाव जीतते आ रहे हैं। शर्मा गुट ने उन्हेंं फिर मैदान में उतारा है। भाजपा ने दिनेश वशिष्ठ व समाजवादी पार्टी ने हेवेंद्र सिंह चौधरी को मैदान में उतारा है।

लखनऊ स्नातक सीट: लखनऊ विवि के कुलपति प्रो. हरिकृष्ण अवस्थी लगभग 36 वर्ष इस सीट से एमएलसी रहे। बीते करीब डेढ़ दशक से शिक्षाविद एसपी सिंह और उनकी पत्नी कांति सिंह का इस सीट पर कब्जा है। कांति सिंह एक बार फिर से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। भाजपा ने अवनीश सिंह पटेल को उम्मीदवार बनाया है। समाजवादी पार्टी ने लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति से निकले राम सिंह राणा और कांग्रेस ने बृजेश सिंह को मैदान में उतारा है। इस सीट पर बसपा समॢथत डॉ आशीष कुमार भी ताल ठोंक रहे हैं। इनके साथ ही पीसीएस एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष बाबा हरदेव सिंह भी मैदान में हैं।

लखनऊ शिक्षक सीट: भारतीय जनता पार्टी ने निवर्तमान एमएलसी उमेश द्विवेदी को मैदान में उतारा है। पिछले चुनाव में द्विवेदी ने बतौर निर्दलीय चुनाव जीता था। समाजवादी पार्टी ने उमा शंकर चौधरी को उम्मीदवार बनाया है।

मेरठ स्नातक सीट: शिक्षक दल के नेता ओमप्रकाश शर्मा का गृह क्षेत्र होने की वजह से शर्मा गुट ने स्नातक कोटे की सिर्फ इसी सीट पर प्रत्याशी उतारा है। यहां उन्होंने उसने हेमसिंह पुंडीर को ही फिर उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने दिनेश गोयल को उम्मीदवार बनाया है। उन्हेंं माध्यमिक शिक्षक संघ (पांडेय गुट) भी समर्थन दे रहा है। समाजवादी पार्टी ने ने शमशाद अली तथा कांग्रेस ने जितेंद्र गौड़ को मैदान में उतारा है। 

मेरठ शिक्षक सीट: शिक्षक दल के नेता व विधान परिषद में भीष्म पितामह कहे जाने वाले ओमप्रकाश शर्मा लगातार आठ बार इस सीट को जीतकर रिकार्ड बना चुके हैं। वह एक बार फिर मैदान में हैं। भाजपा से श्रीश चंद्र शर्मा चुनाव लड़ रहे हैं जिन्हेंं माध्यमिक शिक्षक संघ पांडेय गुट का समर्थन है। समाजवादी पार्टी ने धर्मेंद्र कुमार को उम्मीदवार बनाया है।

वाराणसी स्नातक सीट: भाजपा ने इस सीट से कई बार से चुनाव जीत रहे केदारनाथ सिंह को ही फिर मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने संजीव सिंह और समाजवादी पार्टी ने आशुतोष सिन्हा को उम्मीदवार बनाया है।

वाराणसी शिक्षक सीट: इस सीट पर शिक्षक संघ शर्मा गुट ने डॉ. प्रमोद कुमार मिश्र को प्रत्याशी बनाया है। यहां पिछली बार चुनाव जीते चेतनारायण सिंह भी मैदान में हैं। समाजवादी पार्टी ने लाल बिहारी को और शिक्षक संघ (पांडेय गुट) ने डॉ. जितेंद्र सिंह पटेल को मैदान में उतारा है।

इलाहाबाद-झांसी स्नातक सीट: भाजपा का इलाहाबाद-झांसी स्नातक सीट पर कब्जा है। डॉ. यज्ञदत्त शर्मा इस सीट से चुनाव जीते हैं भाजपा ने उन पर ही फिर भरोसा जताया है। उन्हेंं माध्यमिक शिक्षक संघ (पांडेय गुट) समर्थन दे रहा है। सपा ने डॉ. मान सिंह और कांग्रेस ने अजय कुमार सिंह को प्रत्याशी बना रखा है।

बरेली-मुरादाबाद शिक्षक सीट: शिक्षक संघ (शर्मा गुट) का इस सीट पर मजबूत दावा है लेकिन पिछली बार शर्मा गुट के उम्मीदवार सुभाष चंद्र शर्मा को संजय मिश्र से पटखनी मिल चुकी है। संजय मिश्र गैरअनुदानित विद्यालयों के शिक्षकों के लिए संघर्ष करते रहे हैं। सपा ने उन्हेंं समर्थन दे रखा है। इस सीट पर वह एक बार फिर जीत की तैयारी कर रहे हैं। भाजपा जरूर इस सीट को हथियाना चाहती है। भाजपा ने पूर्व एमएलसी हरि सिंह ढिल्लो को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने यहां डॉ. मेंहदी हसन को मैदान में उतारा है।

गोरखपुर-फैजाबाद शिक्षक सीट: शिक्षक संघ शर्मा गुट ने यहां से पूर्व एमएलसी धुव कुमार त्रिपाठी को उम्मीदवार बनाया है। वह विधानपरिषद में शिक्षकों के मुद्दे जोर-शोर से उठाते रहे हैं। माध्यमिक शिक्षक संघ पांडेय गुट ने राम जनम सिंह, कांग्रेस ने नागेंद्र दत्त त्रिपाठी तथा सपा ने अवधेश कुमार को उम्मीदवार बनाया है। 

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